एप्पल न्यूज़, शिमला
कोरोना के संकट से काफी हद तक उभर चुके हिमाचल प्रदेश में अब एक बार फिर पर्यटन कारोबार के बढ्ने की उम्मीद जगी है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम में कोरोना काल में लगे लॉक डाउन के चलते हुए भारी घाटे से उभरने के लिए अब द्रीड़ संकल्प लिया है। दरअसल कोरोनोकाल में हिमाचल प्रदेश में लौकडाउन के चलते हर क्षेत्र की तरह प्रयटन उद्योग को भी एक बड़ा झटका लगा था।
राज्य में सैलानियों की आमद पूरी तरह से खत्म होने के चलते सूबे का सबसे बड़ा उद्योग कहे जाने वाली टूरिज़म इंडस्ट्री शून्य हो गई थी। एच पी टी डी सी ने अब इस कारोबार के लिए सरवाइवल और रिवाइवल योजना की शुरुवात कर दी है जिसे 2 चरणों में पूरा किया जाएगा।
इस योजना की शुरुवात का मकसद , टूरिज़म बिज़नेस से जुड़े टैक्सी औपरेस्टर और चालक, घोड़े वाले , ढाभा संचालकों , टूरिस्ट फोटोग्राफर और टूरिस्ट गाइड्स समेत होटल कारोबारियों को वित्तीय फायदा पहुंचा कर उनके जीवन को पहले की तरह ही खुशहाल बनाना है।
वीओ,,,एच पी टी डी सी के मेनेजिंग डाइरेक्टर अमित कश्यप का कहना है कि पिछले एक साल में 32 लाख सैलानियों ने हिमाचल के अलग अलग टूरिस्ट डेस्टिनेशन का रुख किया है। हालांकी निगम अब इस संख्या को आने वाले समय में और बढ़ाने के लिए अपनी कमर कस चुका है।
विंटर सीज़न के दौरान एच पी टी डी सी के होटलों में रुकने वाले सैलानियों के लिए निगम द्वारा 20 फीसदी का डिस्काउंट होगा जो कि सर्दियों के तमाम महीनों तक जारी रखा जाएगा।
सैलानियों के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध करवाने के अलावा उनके भोजन का भी एच पी टी डी सी ने खास ख्याल रखा है । निगम के होटलों में पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन सिड्डु के अलावा लज़ीज़ हिमाचली थाली भी सैलानियों को परोसा जाएगा। प्रयटन निगम का दावा है कि ये सैलानी इन व्यंजनों को काफी पसंद कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना के चलते 2020 में हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम को करीब 42 कोरोड़ रूपये का वितीय घाटा उठाना पड़ा था। वहीं कोरोना का सबसे ज़्यादा असर पर्यटन कारोबार के साथ जुड़े छोटे व्यापारियों के साथ साथ होटल कारोबारियों पर भी हुआ था। लेकिन अब पर्यटन निगम की नई योजनाओं की शुरुवात से एक बार फिर सूबे के तमाम पर्यटक स्थलों के सैलानियों से गुलज़ार होने की उम्मीद है।