एप्पल न्यूज़, रंजू जम्वाल बिलासपुर
: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का काफिला रोकने पर प्रदर्शन कर रहे पुलिस कर्मियों के परिजनों को हिरासत में लेने का समाचार मिला है। जानकारी के मुताबिक पुलिस कर्मियों के परिजन नालागढ़, सोलन व हमीरपुर इत्यादि से बिलासपुर पहुंचे थे।
एम्स की ओपीडी के उदघाटन के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत कई वरिष्ठ नेता रविवार को बिलासपुर पहुंचे थे।
इसी दौरान आरक्षी के पद पर तैनात पुलिस कर्मियों की वेतन विसंगतियों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि पुलिस जवानों के स्वजनों पर धारा-147 व 341 के तहत मामला दर्ज हुआ है। इनकी संख्या 10 है। सदर थाना में मामला दर्ज किया गया हैै।
उधर, पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक एसआर राणा का कहना था कि ज्ञापन देने का तरीका गलत था। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा पैदा हुई। इसके चलते प्रदर्शन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई बनती है।
एसपी ने कहा कि 10 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। आवश्यक कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। गौरतलब है कि मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। जेसीसी की बैठक के बाद से ही 2015 के बाद पुलिस आरक्षी के पद पर तैनात हुए कर्मियों में असंतोष बढ़ा है।
पुलिस कर्मी इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि जब 2015 से पहले 10,300 का पे स्केल दिया जा रहा था तो इसे अब बहाल क्यों नहीं किया जा रहा। 8 साल का पीरियड अनुचित है। अन्य विभागों में अनुबंध कर्मियों को दो साल में ही रैगुलर करने का प्रावधान कर दिया गया है तो पुलिस कर्मियों के साथ क्यों भेदभाव किया जा रहा है।
दीगर है कि पहले पुलिस कर्मियों ने मैस का खाना छोड़ दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया में प्रोफाइल तस्वीर को ब्लैक कर विरोध जताया जा रहा था।
बता दें कि रविवार शाम ही पुलिस मुख्यालय ने कर्मियों की वेतन विसंगतियों को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की टीम भी गठित की है। एक सप्ताह के भीतर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपनी है।