एप्पल न्यूज़, शिमला
राज्य बोर्ड द्वारा छह महीने की लंबी प्रक्रिया के बाद आवेदक इकाइयों को अनुमति ;ब्वदेमदजद्ध, प्राधिकरण ;।नजीवतप्रंजपवदद्ध और पंजीकरण ;त्महपेजतंजपवदद्ध से संबंधित सहमति पत्र देने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए, राज्य बोर्ड ने एक व्यापक प्रयास किया है। यह प्रयास आवेदन पत्रों को संसाधित करने के लिए पहले से स्थापित डिजिटल प्लेटफॉर्म यानी एचपी-ओसीएमएमएस के समकालीन विभिन्न एनओसी के लिए मानक प्रक्रियाओं और दस्तावेजी आवश्यकताओं के एक साथ लाने के उद्देश्य से किया गया है।
राज्य बोर्ड ने आवेदनों के लिए आज सभी हितधारकों और अधिकारियों द्वारा पालन किए जाने वाले मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और दस्तावेजी आवश्यकताओं को अधिसूचित किया है। इस अभ्यास के दौरान, गैर-जरूरी दस्तावेजों को सूची से काट दिया गया है ताकि राज्य बोर्ड नियमों के अनुपालन के साथ-साथ म्ेंम वि क्वपदह ठनेपदमे में भी आसानी हो सके।
उपरोक्त एसओपी जल और वायु अधिनियम के तहत उद्योगों, पर्यटन इकाइयों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विभिन्न सहमति पत्रों से संबंधित हैं। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत बनाए गए जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 और ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 के तहत प्राधिकरण के लिए एसओपी को भी अधिसूचित किया गया है। ये एसओपी सभी संबंधित इकाइयों एवं विभागों के लिए प्रभावी विनियमन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे।
राज्य बोर्ड ने हाल के महीनों में, प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, नमूना विश्लेषण के लिए एक ऑनलाइन प्रयोगशाला मॉड्यूल शुरू किया है, स्वास्थ्य सुविधाओं (ीमंसजीबंतम िंबपसपजपमे) के लिए ऑनलाइन सहमति और जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्राधिकरण ;ठपव.डमकपबंस ॅेंजम ।नजीवतपेंजपवद), आवेदनों की प्रगति, गहन निगरानी, ऑटो-नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड (केंइवंतक), हरित उद्योगों के लिए सहमति की बेहतर निगरानी, विनियमन, पारदर्शिता और (म्ेंम वि क्वपदह ठनेपदमेद्ध को सुव्यवस्थित करने के प्रयास जारी रहेंगे।