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वाह- सुंदरनगर और नालागढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर “स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 पुरस्कार” भुवनेश्वर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “वायु” में मील पुरस्कार

एप्पल न्यूज़, शिमला

पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के सुंदरनगर और नालागढ़ शहरों को क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान के लिए “स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 पुरस्कार” प्रदान किया।

इसमें इन दोनों शहरों के लिए क्रमश: 25.00 लाख और 12.50 लाख रुपये महामहिम प्रोफेसर गणेशी लाल, ओडिशा के राज्यपाल और भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन, सरकार के कर कमलों द्वारा प्रदान किए गए।

आज भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “वायु” में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. मनोज चौहान ने राज्य की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किए।
अपूर्व देवगन (आईएएस) सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या परिवेशी वातावरण में PM10 की उच्च स्तर की थी, जिसके कारण इन शहरों/कस्बों को गैर-प्राप्ति शहरों की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

राज्य ने सभी हितधारक विभागों को शामिल करके बहु-आयामी रणनीति अपनाई और राज्य के सभी गैर-प्राप्ति वाले शहरों / कस्बों (NAC/Ts) में वायु प्रदूषण के शमन के लिए कार्य योजना तैयार की। हाल के दिनों में राज्य बोर्ड ने सभी गैर-प्राप्ति शहरों में वायु निगरानी क्षमता का उन्नयन किया है।

हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव (पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) की अध्यक्षता वाली वायु गुणवत्ता निगरानी समिति (AQMC) द्वारा कार्य योजना के कार्यान्वयन की प्रभावी आवधिक समीक्षा और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ संबंधित जिलाधिकारियों की अध्यक्षता वाली शहर स्तरीय कार्यान्वयन समिति के प्रयासों से परिवेशी वातावरण में 40% से अधिक PM10 की सघनता (concentration) को कम करने में सफलता मिली है।


राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार केवल गैर-प्राप्ति शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राज्य का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी आधार वर्ष 2017 के 81 से घटकर 2021-22 के दौरान 61 हो गया है, जो राज्य भर में राज्य बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण कानूनों को लागू करने के प्रयासों के फलस्वरूप हासिल हुआ है।
हमें उम्मीद है कि राज्य के सभी सात शहर गैर-प्राप्ति शहरों के तहत वर्गीकरण से बाहर आ जाएंगे, जिसके लिए सभी हितधारक विभागों द्वारा निरंतर प्रयास किए जाने होंगे।

राज्य बोर्ड राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता की भी सराहना करता है, जिसके माध्यम से राज्य के सभी गैर-प्राप्ति शहरों में वायु प्रदूषण के शमन के लिए विभिन्न गतिविधियों को लागू किया गया था।

पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में 131 गैर-प्राप्ति शहरों / कस्बों में वायु गुणवत्ता की रोकथाम के लिए 2018 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की शुरुआत की।

वायु प्रदूषण की रोकथाम और कमी के लिए कार्य योजना के विभिन्न घटक थे जैसे कि वाहनों के उत्सर्जन पर नियंत्रण, सड़क की धूल और अन्य क्षणिक उत्सर्जन को कम करना, बायोमास जलाने से वायु प्रदूषण का नियंत्रण, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां, औद्योगिक वायु प्रदूषण आदि।

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