एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के लिए आज नया मुख्यमंत्री मिलेगा। कौन बनेगा कैबिनेट मंत्री और कब होगी ‘शपथ’, इसको लेकर आज कांग्रेस कार्यालय शिमला में नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों को बैठक होगी।
कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, संजय दत्त, छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और अन्य बड़े नेताओं की मौजूदगी में यह बैठक दोपहर 12 बजे रखी गई है।
कांग्रेस के नेता किसी से डरने वाले नहीं
कॉंग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कल ही कह दिया था कि हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं। चुने हुए प्रतिनिधियों की बैठक तय स्थान पर ही होगी। कॉंग्रेस के नेता न डरने वाले हैं न झुकने वाले। वह किसी के दबाव में नहीं आएंगे और न बिकेंगे। जो बिकेगा उसकी विधायकी जाएगी और टूट के बिखर जाएगा।
ये कड़ा संदेश काम आया। पहले मोहाली में बैठक तय की गई थी। देर शाम से रात तक बड़े नेताओं के साथ मोहाली में चर्चाओं का दौर जारी रहा जिसके बाद यह तय किया गया कि बैठक किसी दूसरे राज्य में नहीं बल्कि शिमला में ही रखी जाए।
गौर हो कि 8 दिसम्बर को हुई मतगणना में प्रदेश की जनता ने रिवाज नहीं बल्कि ताज बदलने का जनादेश दिया। हर हथकंडे को दरकिनार कर कांग्रेस को 40 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का जनादेश मिया।
OPS, महिलाओं को 1500 प्रतिमाह, एक लाख सरकारी रोजगार और 10 गारंटियों ने जनता का रुख मोड़ दिया और मोदी, नड्डा के चेहरे को दूर कर “होली लॉज” पर अपना विस्याबवास बरकरार रखा।
हां, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जरूर अपने जिले मंडी में लाज बचाने में कामयाब हुए लेकिन जनता में सन्देश गया कि जयराम क्या सच में सिर्फ मंडी के मुख्यमंत्री बनकर ही रह गए जबकि प्रदेश में उनका जादू नहीं चल पाया। शिमला, सोलन, किन्नौर, लाहौल स्पीति जिलों में क्लीन स्वीप हुए तो कांगड़ा ने मंडी की लीड को काट दिया।
जयराम कैबिनेट के 8 मंत्री हारे
जयराम कैबिनेट के 12 में से 8 मंत्री हार गए और मंडी के दिग्गज महेंद्र सिंह की विरासत को भी नकार दिया। पूरी कैबिनेट से केवल 2 मंत्री ही जीत पाए। हां, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जरूर अपनी सीट बचने में सफल हुए।
अब कॉंग्रेस के सामने अपनी गारंटियों को पूरा करने की जिम्मेदारी है। एक बात यह भी गौर करने की है कि OPS मुद्दा तो बना लेकिन कर्मचारियों ने वोट नहीं दिया।