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चंदर कुमार बने हिमाचल विधानसभा के “प्रोटेम स्पीकर”, राजभवन में ली शपथ, पढ़े जीवन परिचय

एप्पल न्यूज़, शिमला

ज्वाली से विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो. चन्द्र कुमार ने आज यहां राजभवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिति में विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम अध्यक्ष) पद की शपथ ग्रहण की।

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी उपस्थित थे। प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा ने कार्यवाही का संचालन किया।

शपथ ग्रहण करने के बाद चंद्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू करोना पॉजिटिव होने के बाद शामिल नहीं हो पाए।

उन्होंने कहा कि उनके स्वस्थ होने के बाद आगे के कार्यक्रम होंगे। उन्होंने कहा की जल्द मंत्रीमंडल का गठन भी कर लिया जाएगा।


विधायकगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव आर.डी. धीमान, राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रो. चन्द्र कुमार के परिवार के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

अब शीतकालीन सत्र के दौरान चंद्र कुमार नवनिर्वाचित सभी विधायकों को शपथ दिलवाएंगे। जिसके बाद आधिकारिक रूप से नए स्पीकर का चुनाव होगा।

चन्द्र कुमार, माननीय सामयिक अध्यक्ष का जीवन परिचय

चन्द्र कुमार का जन्म 8 मई, 1944 को  स्व. बेली राम के घर ग्राम ढान, तहसील ज्वाली, जिला कांगड़ा में हुआ । आपके पिता एक कृषक थे । आपने अपनी उच्च शिक्षा पंजाब व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से हासिल की ।  

आपने एम0ए0, एम 0एड0 तथा बी0ए0, एल0एल0बी0 तक की शिक्षा प्राप्त की है।  राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व आप शिमला स्थित सेंट बीटस कॉलेज में एक प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक के रूप में कार्यरत्त रहे तथा बाद में आपने अपने पद से इस्तिफा दे दिया । चन्द्र कुमार विवाहित  हैं तथा आपके एक पुत्र एवं पुत्री हैं । 

 आपके पुत्र नीरज भारती दो बार विधान सभा के सदस्य रहे तथा हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव के पद पर भी रहे हैं । चन्द्र कुमार क्रमश: वर्ष 1982, 1985, 1993, 1998 तथा 2003 में विधान सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं । चन्द्र कुमार 1982 में एच0आर0टी0सी0 के उपाध्यक्ष नामित किए गए ।  

आप 1982 से 1985 तक स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और जन-सम्पर्क, उप-मंत्री, 14 अप्रैल, 1984 से मार्च, 1985 तक वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मार्च 1985 से 1989 तक कृषि और कला, भाषा एवं संस्कृति व मत्स्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 1989 से 1990 सिंचाई, जन-स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा मंत्री तथा 1993 से 1998 और 6 मार्च, 2003 से 31 मई, 2004 तक वन मंत्री बने रहे ।

आपने पहला चुनाव वर्ष 1977 में आजाद प्रत्याशी के रूप में लड़ा तथा 500 से भी कम मतों के अन्तर से चुनाव में पिछड़ गए । उसके पश्चात 1982 से आज तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता के रूप में विद्यमान हैं ।  

आप हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष, महासचिव तथा उपाध्यक्ष जैसे उच्च पदों पर तैनात रहे हैं तथा कई वर्षों तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे हैं ।

आप वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं । हिमाचल प्रदेश सरकार में वन मंत्री रहते आपने सेबों की पेटियों के लिए वन कटान पर प्रतिबन्ध लगा दिया था तथा विकल्प के रूप में Popular तथा कार्टन बॉक्स को बागवानों को उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जो आज भी बखूबी जारी है।

आपने वर्ष 2004 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से 14वीं लोक सभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मुख्य मंत्री शान्ता कुमार को पराजित किया।  

आपने अपने इस बेहतरीन कार्यकाल में जिला कांगड़ा के कंदरोड़ी में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कारखाना स्थापित करवाया तथा धर्मशाला के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय को मंजूर करवाया ।

  आपने अपने इसी कार्यकाल में जिला कांगड़ा में National Fashion & Designing Institute स्थापित किया तथा UPA-1st सरकार में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल टांडा मैडिकल कॉलेज के लिए केन्द्र सरकार से 125 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवाई ।

आपने इस कार्यकाल में Record समय के भीतर कांगड़ा व पठानकोट को जोड़ने वाले चक्की ब्रिज का निर्माण करवाया। आपने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से राजीव गांधी विद्युतिकरण के तहत बिजली विभाग को 90 प्रतिशत अनुदान तथा 10 प्रतिशत लोन System Improvement  हेतु मुहैया करवाया ।  

आपने UPA प्रथम 14वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण बिल जैसे Right to Food, Right to Health, Right to Employment (मनरेगा), Right to information तथा Right to Education को पारित करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आप जिला कांगड़ा के ओ0बी0सी0 वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा जिला कांगड़ा के आज भी वरिष्ठतम एवं कद्दावर नेता हैं । आप 8 दिसम्बर, 2022 को ज्वाली-9 निर्वाचन क्षेत्र से चौदहवीं विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।

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