एप्पल न्यूज़, टौणीदेवी हमीरपुर
सिविल अस्पताल टौणीदेवी में करीब अढ़ाई साल से
चीफ फार्मासिस्ट का पद रिक्त चल रहा है। जिसके कारण आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हैरानी की बात यह है कि कितना लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन और चिकित्सा विभाग इस बार क्यों ध्यान नहीं दिया।
बताया जा रहा है कि कोरोना काल के दौरान अस्पताल में तैनात चीफ फार्मासिस्ट को डेपुटेशन पर हमीरपुर सीएमओ ऑफिस भेजा गया था। परंतु चुनावी आचार संहिता के बाद भी उसे वापस टौणीदेवी अस्पताल नहीं भेजा गया।

इतना ही नहीं इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी के दो और एक्स-रे टेक्निशियन का एक महत्वपूर्ण पद वह भी रिक्त चल रहा है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन भी महीने में दो बार सिर्फ 60 मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने के लिए आता है। बाकी बचे मरीजों को अगले महीने की तारीख दे दी जाती है जिससे मरीजों को अगले महीने का इंतजार करना पड़ता है। इन महत्वपूर्ण रिक्त पड़े पद होने के कारण लोगों को एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए हमीरपुर मेडिकल कॉलेज या निजी क्लीनिक की ओर रुख करना पड़ रहा है।
जिससे मरीजों और तीमारदारों को पैसों की मोटी चपत लग रही है और खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । सिविल अस्पताल टौणीदेवी मे रोजाना करीब ढाई सौ से तीन सौ मरीज रोजाना अपना चेकअप करवाने के लिए आते हैं।
यह अस्पताल सुजानपुर,धर्मपुर और भोरंज विधानसभा क्षेत्र की पचास से अधिक पंचायतों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराता है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया जा रहे है कि एक्स-रे टेक्निशियन की पदोन्नति के बाद यह पद खाली हुआ है। परंतु स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली से लोग बेहद नाराज है।
लोगों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के क्षेत्र का यह अस्पताल उपेक्षा का शिकार हुआ है।जबकि केंद्रीय खेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर की क्षेत्र से संबंध रखते हैं फिर भी अस्पताल में ना तो सिविल अस्पताल के स्तर की सुविधाएं हैं और ना ही स्टाफ उपलब्ध है ।
अब लोगों की आस नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से है। क्योंकि वह भी इस जिले से ताल्लुक रखते हैं। लोगों की की मांग है कि अस्पताल में शीघ्र अति शीघ्र खाली पड़े पदों को भरा जाए वह जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई ।
इस बारे बीएमओ डॉ आशुतोष शर्मा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की चुनाव से पहले पदोन्नति के बाद यह पद रिक्त हुआ है लेकिन साथ ही आचार संहिता लगने पर यहां पर कोई नई नियुक्ति नहीं हुई।
उन्होंने इस पद हेतु जब तक सरकार की ओर से नियुक्ति नहीं होती निजी कंपनी से टेक्निशियन की मांग की है जो कि शीघ्र ही उपलब्ध होगा ।
इस बारे सीएमओ डॉक्टर आरके अग्निहोत्री ने बताया कि हर महीने सरकार को इन रिक्त पद बारे अवगत करवाते हैं। बाकी पदों को सृजित करना सरकार पर निर्भर करता है