एप्पल न्यूज, दिल्ली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज (22 जून, 2023) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में नर्सिंग प्रोफेशनलों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने सैन्य नर्सिंग सेवा की मेजर जनरल स्मिता देवरानी और ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किया
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) की अपर महानिदेशक (एडीजी) मेजर जनरल स्मिता देवरानी और दक्षिणी कमान मुख्यालय ब्रिगेडियर एमएनएस, ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को क्रमशः वर्ष 2022 एवं 2023 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया है। पुरस्कार समारोह 22 जून, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 1973 में संस्थापित राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार, नर्सों और नर्सिंग प्रोफेशनलों को समाज को प्रदान की गई उनकी सराहनीय सेवाओं के सम्मानस्वरूप दिया जाता है।
देवरानी बहनों को दिया गया पुरस्कार उनके लगभग चार दशकों के उल्लेखनीय योगदान और सेवा के लिए एक उपयुक्त सम्मान है।
मेजर जनरल स्मिता देवरानी को 1983 में एमएनएस में कमीशन किया गया था। 01 अक्टूबर, 2021 को एडीजी एमएनएस का कार्यभार संभालने से पूर्व, वह आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) की प्रिंसिपल मैट्रन, ब्रिगेडियर एमएनएस, मुख्यालय (मध्य कमान); प्रिंसिपल मैट्रन, कमांड हॉस्पिटल (दक्षिणी कमांड) और निदेशक एमएनएस (प्रशासन) जैसी विभिन्न प्रमुख नैदानिक, कर्मचारी और प्रशासनिक पदों पर रहीं।
ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को 1986 में सेवा में कमीशन किया गया था। उन्होंने 01 सितंबर, 2021 को दक्षिणी कमान के ब्रिगेडियर एमएनएस का अपना वर्तमान पदभार ग्रहण किया।
इससे पूर्व, उन्होंने पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग; आर्मी हॉस्पिटल, रिसर्च एंड रेफरल कॉलेज ऑफ नर्सिंग और इंडियन नेवल हॉस्पिटल शिप (आईएनएचएस) अश्विनी के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की वाइस प्रिंसिपल जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। दोनों बहनें उत्तराखंड के कोटद्वार जिले की रहने वाली हैं।
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 1973 में नर्सों और नर्सिंग प्रोफेशनलों द्वारा समाज को प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं के सम्मानस्वरूप की गई थी।