IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

CS ने किया इंटनेशनल कांग्रेस आफ एग्रीकल्चरल म्यूजियमज़ का शुभारम्भ

एप्पल न्यूज़, सोलन

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सोलन के शूलिनी विश्वविद्यालय में इंटनेशनल कांग्रेस आॅफ एग्रीकल्चरल म्यूजियमज़ (सीआईएमए) के 20वें संस्करण का विधिवत शुभारम्भ किया। एशिया में पहली बार आयोजित हो रहे इस संस्करण का आयोजन इंटनेशनल ऐसोसिएशन आॅफ एग्रीकल्चरल म्यूजियमज़ (एआईएमए) द्वारा किया गया है।
प्रबोध सक्सेना ने इस अवसर पर देश-विदेश से आए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कृषि क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने विरासत को संरक्षित रखने पर बल देते हुए कहा कि विश्व स्तर पर प्राप्त अनुभवों के माध्यम से सीख लेना आवश्यक हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विकास तथा शिक्षा के प्रसार के क्षेत्र में पूरे देश को राह दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल एक पीढ़ी के अंतराल में हिमाचल प्रदेश ने विकास के विभिन्न मानकों में जो सकारात्मक परिवर्तन प्राप्त किया है वह अनुकरणीय है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में शतप्रतिशत नामांकन के सराहनीय लक्ष्य को प्राप्त किया है और राज्य में आज हर क्षेत्र तक विद्युत सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बहुत कम समय में पहाड़ों की भाग्यरेखाएं कही जाने वाली सड़कों का सघन नेटवर्क विकसित किया गया है।
प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल आज कृषि तथा बागवानी, दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी समृद्ध सामग्री और पोष्टिकता के साथ ‘पारम्परिक हिमाचली धाम’ हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का दर्पण है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ कहे जाने वाले सेब उद्योग में अभी भी विकास की असीमित सम्भावनाएं है।

उन्होंने कहा कि तकनीकी जानकारी और विस्तार के साथ प्रदेश में सेब उत्पादन को काफी बढ़ाया दिया जा सकता है। उन्होंने मज़बूत विशेषज्ञ ज्ञान प्राप्त विद्वानों से आग्रह किया कि कृषि क्षेत्र के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने आशा जताई कि यह सम्मेलन अपने विषय से सम्बन्धित ज्ञान वर्द्धन में विशेष भूमिका निभाएगा।
हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं बागवानी सचिव डाॅ. सी.पालरासू ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी क्षेत्र में समृद्ध परम्पराओं की जानकारी दी। उन्होंने आशा जताई कि सप्ताह भर चलने वाला यह सम्मेलन किसानों और बागवानों की सहायता के लिए नवीन सोच विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा।
शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. खोसला ने कहा कि कभी अनाज की कमी से जूझ रहा भारत आज न केवल इस दिशा में आत्मनिर्भर है अपितु अन्य देशों को अनाज का निर्यात भी कर रहा है।
शूलिनी विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और सम्मेलन के शूलिनी विश्वविद्यालय में आयोजन के लिए एआईएमए तथा सीआईएमए का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय हमे और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते है तथा प्रोत्साहन सकारात्मक बदलाव के प्रेरक होते हैं।

उन्होंने कहा कि अपनी विरासत का संरक्षण महत्वपूर्ण है। नवाचार केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं और किसान अनेक नवाचारों के उत्प्रेरक हैं।
एआईएमए के अध्यक्ष क्लाॅज क्राॅप्प ने उद्घाटन सत्र में आॅनलाईन भाग लेते हुए कहा कि कृषि एक जीवंत परम्परा है और ग्रामीण भारत का अभियान कृषि क्षेत्र में दृष्टिगोचर होता है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं एवं किसानों के मध्य अंतर कम हो रहा है।
डाॅ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के उप कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल ने बागवानी के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में होने वाला विचार-विमर्श किसानों और बागवानों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
इस सात दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश प्रतिनिधि भाग ले रहे है। रविवार तक शूलिनी विश्वविद्यालय में आयोजन के उपरांत यह सम्मेलन पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में आयोजित होगा।
इससे पूर्व विख्यात कृषि विशेषज्ञ देविन्द्र शर्मा ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए किसानों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को मिलने वाले पारिश्रमिक पर बल देते हुए कहा कि खेत में किसान परिश्रम करता है किंतु लाभ का अधिकांश भाग बिचौलिए ले जाते है।

Share from A4appleNews:

Next Post

हर जिले में पायलट आधार पर दो-दो 'हरित पंचायत' करेंगे विकसित- RS बाली

Sat Oct 14 , 2023
एप्पल न्यूज़, धर्मशाला, नगरोटा पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवॉट से लेकर एक मेगावॉट विद्युत उत्पादन […]

You May Like

Breaking News