एप्पल न्यूज़, शिमला
नेता प्रतिपक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि चुनावी गारंटियां प्रदेश की कांग्रेस सरकार के गले पड़ गई हैं।
झूठी गारंटियां देने वाले इनके छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नेता तो घर बैठ गए हैं लेकिन हिमाचल की जनता को वोट बैंक की खातिर धोखा देकर इन्होंने हजारों करोड़ के बोझ तले दबने को विवश कर दिया है।
एक साल में जो सरकार 14 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण ले चुकी है वो आगे पांच वर्ष कितना बोझ हिमाचल पर डालने जा रही है उसका अभी से अनुमान लगाया जा सकता है।
भाजपा अब तक तक चुप नहीं बैठेगी जब तक ये सरकार अपनी दी इन गारंटियो को पूरा नहीं करती। भाजपा आगे भी सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस को इसकी याद दिलाती रहेगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधान सभा के शीतकालीन सत्र में सरकार से इन झूठी गारंटियों का जवाब देते नहीं बन पा रहा था। पूरी सरकार सत्र में असहज दिखी। भाजपा विधायक दल और पार्टी ने तय किया था कि सरकार को इनकी चुनावों में दी गारंटियां विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह याद दिलाई जाए जो इन्होंने एक वर्ष पूर्व सत्ता में आने से पहले जनता को दी थी।
एक वर्ष बीत गया लेकिन अभी भी कोई गारंटी धरातल पर नहीं उतरी है। सबसे बड़ा छल इन्होंने महिलाओं, बेरोजगारों और किसानों से किया है। कहा था पहली जनवरी से महिलाओं के खाते में 1500 रुपए हर माह आयेंगे लेकिन एक साल इंतजार करते निकल गया।
कहा था पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी क्षेत्र में पक्की नौकरी वाला रोजगार निकालेंगे लेकिन दूसरा वर्ष शुरू हो गया है। कहा था दूध 100 रुपए लीटर खरीदेंगे पर ये वायदा भी सिर्फ चुनावी निकला।
उन्होंने कहा कि यह वर्तमान सरकार का धर्मशाला में शीतकालीन सत्र के रूप में दूसरा सत्र है। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र का गहना है और इसको हमें अच्छी स्पिरिट में आगे बढ़ाना चाहिए व प्रदेश के विकास में सभी को यथा-संभव अपना योगदान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सरकार की तकमियों को इंगित करने का है, चाहे वह सरकार को पसंद आये या न आये लेकिन यह विपक्ष की लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों के मुकाबले हिमाचल प्रदेश में जो लोकतांत्रिक व्यवस्था है वह बहुत स्वस्थ और बेहतर है।
उन्होंने पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों का भी अपने क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को इस सदन में संजीदगी से उठाने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि सदन में विभिन्न विषयों पर बहुत ही सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच में नोकझोंक चलती रहती है लेकिन प्रदेशहित के सुझावों पर सरकार द्वारा अमल भी किया जाता है।
उपराष्ट्रपति का उपहास संवैधानिक पदों का अपमान
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकसभा के बाहर संसद से निलंबित सांसदों द्वारा नुक्कड़ सभा में उपराष्ट्रपति के उपहास को संवैधानिक पदों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि बेशर्मी की हद देखिए कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी इस घटना का स्वयं वीडियो बना रहे थे और हंसते हुए विपक्षी सांसदों को ऐसा करने के लिए उकसा रहे थे जो बेहद हैरानी की बात है।