एप्पल न्यूज, शिमला
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री द्वारा आज दिनांक शिमला में अपने कार्यालय कक्ष में भाषा एवं संस्कृति विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक की गई जिसमें प्रदेश में विभिन्न शक्तिपीठों तथा सरकार द्वारा नियंत्रित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं हेतू सुविधाओं को और बेहतर करने बारे व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
माननीय उप-मुख्यमन्त्री महोदय ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है तथा यहां के मंदिरों में प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं की बहुत आस्था है। सरकार देव संस्कृति के संवर्द्धन व संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी के दृष्टिगत हिमाचल में स्थित सभी प्रसिद्ध शक्तिपीठों तथा अन्य मंदिरों की वैभवता को बनाए रखने के लिए व्यापक कार्य योजना विभाग तैयार कर रहा है। जिसके अंतर्गत सभी मंदिरों के विस्तारीकरण/जीर्णोद्धार के कार्य में और तेजी लाई जाएगी तथा श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन हेतू भी कदम उठाए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में सभी मंदिरों में ऑन-लाईन पूजन व दर्शन की सुविधा तथा आरती का लाईव प्रसारण, ऑन-लाईन दान की सुविधा, लंगर हेतू ऑन-लाईन बुकिंग इत्यादि की सुविधाएं देने की व्यवस्था की जा रही है।
इसी प्रकार सभी मंदिरों के मार्गों में संकेत चिन्ह और दिव्यांगों के लिए रैम्प तथा फ्री व्हीलचेयर मंदिर की तरफ से उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अतिरिक्त मंदिरों की आय-व्यय का ब्यौरा भी सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया।
उप-मुख्यमन्त्री ने बताया कि राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा के दृष्टिगत हिमाचल में पूर्ण भक्तिमय वातावरण तैयार हुआ है जिसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने पिछले कल पूरे दिन का राजकीय अवकाश घोषित किया था.
मुख्यमन्त्री तथा सरकार के सभी मंत्रियों ने विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना समारोहों में भाग लिया तथा सभी मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया।
इसी के दृष्टिगत दिल्ली में आयोजित हो रहे भारत पर्व में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा “हिमाचल के रघुनाथ“ शीर्षक से कुल्लू दशहरा की झांकी को दर्शाया गया है। यह झांकी 23 जनवरी, 2024 से 31 जनवरी, 2024 तक भारत पर्व के अंतर्गत लाल किले पर दर्शाई जाएगी।
कुल्लू के आराध्य देव श्री रघुनाथ जी का अयोध्या से पौराणिक सम्बन्ध है क्योंकि कुल्लू के रघुनाथ मंदिर में स्थापित रघुनाथ जी व सीता जी की मूर्तियां अयोध्या से 17वीं शताब्दी में ला कर यहां स्थापित की गई थीं। इसी के बाद कुल्लू दशहरा आयोजन की परंपरा आरम्भ हुई जो आज अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त कर चुका है।
इसके अतिरिक्त विभाग के द्वारा संचालित अंतरंग सभागारों तथा संग्रहालयों की गतिविधियों में और तेजी तथा व्यापकता लाने का निर्णय लिया गया ताकि इनके माध्यम से सांस्कृतिक व पुरातात्विक गतिविधियों और बढाई जा सके।
शिमला स्थित राज्य संग्रहालय इस वर्ष अपने 50 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस उपलक्ष्य में राज्य संग्रहालय में वर्ष भर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित करने का निर्णय लिया गया जिनमें सैमिनार व प्रदर्शनियों का आयोजन तथा संग्रहालय का भ्रमण इत्यादि करवाया जाएगा।
उप-मुख्यमन्त्री महोदय ने यह भी जानकारी दी कि विभाग द्वारा अपनी द्विमासिक पत्रिका “विपाशा“ का हिमाचल निर्माता डॉ० यशवन्त सिंह परमार पर विशेषांक बनकर तैयार हो गया है जिसका विमोचन पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह में माननीय मुख्यमन्त्री श्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू जी द्वारा किया जाएगा।
बैठक में सचिव, भाषा एवं संस्कृति श्री राकेश कंवर, निदेशक डॉ० पंकज ललित तथा संयुक्त निदेशक श्री मंजीत शर्मा ने भाग लिया। -०-