एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर दिलचस्प राजनीतिक खेल देखने को मिला है। सत्ताधारी कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है जिसकी बदौलत बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों को बराबर 34, 34 मत पड़े।
इसके बाद लॉटरी से फ़ैसला हुआ और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत हुई। अब ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी संकट पैदा हो गया है। भाजपा कांग्रेस के अल्पमत में होने का दावा भी कर रही है।
वहीं हार के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सत्ता पाने के लिए भाजपा बेशर्मी से वह सब कर रही है जो सही नही है।
वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने 6 विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के पीछे ईमान बेचने की बात कही है।
राज्यसभा का चुनाव हारने के बाद अधिवक्ता और कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा ने बेशर्मी से राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए वह सब किया जिसकी कानून में इजाजत नहीं है।
40 विधायकों वाली कांग्रेस के सामने 25 विधायकों वाली भाजपा का प्रत्याशी खड़ा करना उनकी इसी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा यह पूरा प्रकरण हिमाचल की संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है।
वहीं विधायकों के बागी होने को लेकर मनु सिंघवी ने कहा कि उनका मन बदलना अचानक नही है।सिंघवी ने कहा कि रात को ये विधायक हमारे साथ डिनर कर फोटो खिंचवा रहे थे, सुबह ब्रेकफास्ट कर निकले थे हिमाचल की संस्कृति में ऐसा रिवाज नही था।
वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि डिनर और ब्रेकफास्ट के समय यह विधायक कसमें खाते रहे लेकिन जब पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को मत देने का वक्त आया तो इन विधायकों ने अपना ईमान बेच दिया।
उन्होंने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों पर उन्हें कुछ नहीं कहना है लेकिन कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीत कर विधानसभा पहुंचने वाले विधायकों ने अपना ईमान बेचकर क्रॉस वोटिंग की। वहीं फ्लोर टेस्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अभी अल्पमत में नहीं है।
कांग्रेस के पास 34 विधायक हैं हालांकि इन विधायकों पर भी दबाव बनाया गया प्रलोभन दिया गया। लेकिन सभी 34 विधायक पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहे। उन्होंने कहा कि अल्पमत का फैसला विधानसभा के फ्लोर पर होगा।