IMG_20250501_120218
IMG-20250530-WA0009
file_00000000784861f8b70cfecce65018fe (1)
previous arrow
next arrow

राष्ट्रपति ने कैंसर उपचार के लिए भारत की पहली घरेलू “जीन थेरेपी” का किया शुभारंभ

file_00000000934c61f8b77af5384f2a351e
file_00000000a3d461f9a909a929a40f939d
file_0000000006c861fb9906286a4ab087a2
file_000000006e746230a2a51781dd51f8fa
previous arrow
next arrow


सुलभ और किफायती सीएआर-टी सेल थेरेपी संपूर्ण मानव जाति के लिए आशा की नई किरण : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

एप्पल न्यूज़, ब्यूरो

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने (4 अप्रैल, 2024) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान- आईआईटी बॉम्बे में कैंसर उपचार के लिए भारत की पहली घरेलू जीन थेरेपी का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की पहली जीन थेरेपी की शुरूआत कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता है। उपचार की इस श्रृंखला का नाम “सीएआर-टी सेल थेरेपी” है, जो कैंसर इम्यूनोथेरेपी उपचार है।

यह सुलभ और सस्ती है, इसलिए संपूर्ण मानव जाति के लिए आशा की नई किरण प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्‍यक्‍त किया कि यह थेरेपी अनगिनत मरीजों को नवजीवन देने में सफल होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि सीएआर-टी सेल थेरेपी को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति में से एक माना जाता है। यह कुछ समय से विकसित देशों में उपलब्ध है, लेकिन यह बेहद महंगी है और दुनिया भर के अधिकांश रोगियों की पहुंच से बाहर है।

उन्हें यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि आज लॉन्च की जा रही थेरेपी दुनिया की सबसे सस्ती सीएआर-टी सेल थेरेपी है। उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ का दीप्‍तिमान उदाहरण है।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि भारत की पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी उद्योग भागीदार इम्यूनोएसीटी के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे और टाटा मेमोरियल अस्पताल के समन्‍वय से विकसित की गई है।

उन्होंने कहा कि यह शिक्षा-उद्योग साझेदारी का एक सराहनीय उदाहरण है, जिससे इसी तरह के कई अन्य प्रयासों को प्रेरणा मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे ने केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में प्रौद्योगिकी शिक्षा के मॉडल के रूप में विख्‍यात है।

सीएआर-टी सेल थेरेपी के विकास में न केवल प्रौद्योगिकी को मानवता की सेवा में लगाया जा रहा है, बल्कि उद्योग के साथ-साथ दूसरे क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित संस्थान के साथ भी साझेदारी की गई है।

यह आईआईटी, बॉम्बे द्वारा पिछले तीन दशकों में अनुसंधान और विकास पर दिए गए फोकस से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि आईआईटी बॉम्बे और अन्य समान संस्थानों के संकाय और छात्रों के ज्ञान आधार और कौशल के साथ, जारी तकनीकी क्रांति से देश लाभान्वित होगा।

Share from A4appleNews:

Next Post

मानव कल्याण सेवा समिति ने शिमला में पियर एडुकेटरों को नशा रोकनें के लिए किया प्रशिक्षित

Sun Apr 7 , 2024
एप्पल न्यूज़, शिमला हिमाचल प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा वित्त पोषित और मानव कल्याण सेवा समिति चौपाल जिला शिमला द्वारा संचालित CPLI योजना के अंतर्गत व विशेष तौर पर नगर निगम शिमला में चल रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत आज दिनांक 6 अप्रैल 2024 […]

You May Like