IMG-20240928-WA0004
IMG-20240928-WA0004
previous arrow
next arrow

आर्थिक प्रगति और समावेशी विकास की दिशा में कदम- राजीव भारद्वाज

IMG-20240928-WA0003
IMG-20240928-WA0003
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज, कांगड़ा

भारत की आजादी के 100 साल और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में प्रगति यह संकल्प लेकर हमें चलना है।भारतीय जनता पार्टी कांगड़ा लोकसभा प्रत्याशी राजीव भारद्वाज ने अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान जनता को सम्बोधित करते हुए कहा भारत वर्ष 2047 में अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास का प्रमुख पैमाना उसकी आर्थिक प्रगति है। वर्तमान में, वर्ष 2024 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,700 डॉलर है, जबकि प्रति व्यक्ति क्रय शक्ति क्षमता लगभग 10,120 डॉलर है।

भारत की कुल जीडीपी 3.9 ट्रिलियन डॉलर (14.6 ट्रिलियन डॉलर पीपीपी के आधार पर) है, जो देश की आर्थिक शक्ति को दर्शाता है।

भारद्वाज ने कहा कि वर्ष 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह अनुमान लगाया गया था कि वर्ष 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की आवश्यकता है।

हालांकि कोविड-19 महामारी ने इस योजना को प्रभावित किया, लेकिन भारत की आर्थिक आकांक्षाएं अभी भी बरकरार हैं, जो सतत एवं समावेशी वृद्धि पर केंद्रित हैं। 2047 तक, प्रति व्यक्ति आय के 10,000 डॉलर तक पहुंचने और अर्थव्यवस्था के आकार के 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

इस वृद्धि के साथ, भारत निम्न मध्यम-आमदनी वाले देश की श्रेणी से निकलकर उच्च-मध्यम-आय वाली श्रेणी में पहुंचने के करीब होगा।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के कारण, वर्तमान में भारत में जीवन प्रत्याशा 70.8 वर्ष है, जो वर्ष 2047 तक बढ़कर 78 वर्ष होने की उम्मीद है। इसी तरह, शिक्षा में सुधार भी व्यापक रूप से प्रगति कर रहा है, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सुसंगत बनाना और पेट्रोलियम एवं रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों को शामिल करना। जीएसटी को छह, 12 और 18 प्रतिशत की तीन श्रेणियों में विभाजित करना। निजी एवं कॉर्पोरेट करों को सरल बनाना।

जीडीपी के अनुपात में करों की हिस्सेदारी को 18 से बढ़ाकर 23 प्रतिशत तक पहुंचाना। आर्थिक वृद्धि की गति बनाए रखने के लिए निजी क्षेत्र के निवेश में निरंतरता आवश्यक है।

वर्ष 2024 तक भारत में सकल नियत पूंजी निर्माण करीब 28 प्रतिशत के स्तर पर है। निर्यात को भी बढ़ावा देना आवश्यक है, जिसमें बुनियादी ढांचे में सुधार, व्यापार समझौतों और एफडीआई में तेजी आने की संभावनाएं शामिल हैं।

राजीव भारद्वाज ने कहा कि भारत में श्रम कार्यबल की भागीदारी करीब 46 प्रतिशत है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 23 प्रतिशत है। कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से औपचारिक प्रशिक्षण की कमी को दूर करना और असंगठित क्षेत्र को संगठित स्वरूप प्रदान करना रोजगार सुरक्षा और उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि भारत में शहरीकरण 34 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। सक्षम नगरीय निकाय शासन और भू रिकॉर्ड का आधुनिकीकरण पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही विवादों को घटाएगा।

स्थानीय सरकारों का सशक्तीकरण समावेशी वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे जिम्मेदार एवं जवाबदेह शासन को बढ़ावा मिलेगा।

Share from A4appleNews:

Next Post

भाजपा का धर्म सिर्फ सत्ता और संपत्ति, मोदी-शाह ने धनबल से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की- प्रियंका

Tue May 28 , 2024
खरबपति मित्रों का कर्जा मोदी ने माफ किया, किसानों के लिए पैसा नहीं एप्पल न्यूज, ऊना/हमीरपुर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर जोरदार जुबानी हमला बोला। उन्होंने ऊना जिले के गगरेट में चिंतपूर्णी माता और भगवान भोलेनाथ […]

You May Like

Breaking News