IMG_20250125_101157
IMG_20250125_101157
previous arrow
next arrow

हिमाचल में बीते वर्ष 21 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन हुआ, मत्स्य पालन ने खोले 682 युवाओं के लिए स्वरोजगार के द्वार

एप्पल न्यूज़, शिमला

प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानव निर्मित जलाशयों, नदियों, तालाबों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नवोन्मेषी पहल की जा रही है ताकि ग्रामीण जनता को कृषि व डेयरी के साथ-साथ मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित किया जा सके।

प्रदेश में 20 हजार से अधिक परिवार विभिन्न जलाश्यों, नदियों एवं तालाबों इत्यादि से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं।
मत्स्य पालन में ग्रामीण युवाओं के स्वरोजगार की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत मत्स्य विभाग द्वारा जनवरी, 2023 से जून, 2024 तक 682 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए। इस अवधि के दौरान 21022.62 मीट्रिक टन मछली उत्पादन किया गया।

विभाग द्वारा लगभग 22 करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की राशि की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश में मत्स्य क्षेत्र में व्यय की जा रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 258 नए ट्राउट यूनिट, 20 मत्स्य कियोस्क, छः लघु व बड़े मत्स्य आहार संयंत्र, 47 बायोफलॉक यूनिट, दो कोल्ड स्टोर, दो बर्फ के कारखाने, चार पुनः जलीय कृषि प्रणाली, दो सजावटी मछली यूनिट तथा चार कार्य व ट्राटट हैचरी निजी क्षेत्र में स्थापित की गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की 2024-25 बजट भाषण की संकल्पना के तहत मत्स्य क्षेत्र को विस्तार प्रदान करने की दृष्टि से 25 हेक्टेयर क्षेत्र में नए तालाब निर्मित किए गए हैं। मत्स्य जीवियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के 428 मत्स्य जीवियों को नाव व जाल खरीदने के लिए उपदान सहायता प्रदान की गई है। मत्स्य व्यापार के लिए एक वातानुकूलित वाहन, आईस बॉक्स सहित 174 मोटर साइकल तथा आइस बॉक्स सहित 10 थ्री-व्हीलर मत्स्य कृषकों अथवा उद्यमियों को उपदान सहायता प्रदान की गई है।
जलाशय मछली दोहन में लगे मछुआरों के आर्थिक उत्थान तथा सुरक्षा निधि के लिए आरम्भ की गई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मछुआरों को जीवन सुरक्षा निधि के अन्तर्गत लाया गया है। इस योजना के अन्तर्गत मृत्यु अथवा स्थायी दिव्यांगता में संतप्त परिवार को पांच लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है जबकि प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित मछुआरों के लिए आपदा कोष योजना के अन्तर्गत उपकरणों के नुकसान की भरपाई के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत प्रदान किया जाता है। रिस्क फंड योजना के अंतर्गत अभी तक 94 मछुआरों को 3 लाख 43 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।
मत्स्य आखेट बंद सीजन के दौरान सरकार द्वारा 4500 रुपये की दर से राशि पारंपरिक मछुआरों के परिवारों के लिए आजीविका और पोषण सम्बन्धी सहायता के लिए प्रदान की जाती है जिसके तहत जनवरी, 2023 से माह जून, 2024 तक 2675 सक्रिय जलाशय महागिरों को दो माह के बंद आखेट मत्स्य सीजन के दौरान1 करोड़ 20 लाख से अधिक की राशि वित्तीय सहायता सहायता के रूप में प्रदान की गई है।
नदी मत्स्य पालन कार्यक्रम के अंतर्गत मत्स्य जैव विविधता को कायम रखने के उद्देश्य से प्रदेश की 32 विभिन्न नदी नालों में मत्स्य विभाग द्वारा 44 लाख रुपये से अधिक की लागत से 15 लाख 43 हजार स्वदेशी मछली प्रजाति की उन्नत मछलियों का संग्रण किया गया। विभाग द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं।
प्रदेश सरकार का प्रयास है कि मत्स्य पालन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में नवीन पहल भी सुनिश्चित की जाए।

Share from A4appleNews:

Next Post

हादसा- पंजाब के जेजो में विवाह समारोह में जा रहे ऊना के 12 लोग पानी में बहे, 9 की मौत 2 लापता एक घायल

Sun Aug 11 , 2024
एप्पल न्यूज, ऊना रविवार दोपहर बाद पंजाब के जेजो क्षेत्र में हुई एक दर्दनाक दुर्घटना में 12 लोगों से भरी इनोवा गाड़ी खड्ड में पानी के तेज बहाव में बह गई। बताया जा रहा है कि बताया जा रहा है कि सभी लोग ऊना जिला के हैं जो एक विवाह […]

You May Like

Breaking News