एप्पल न्यूज, शिमला
संजौली मस्जिद मामले में अब एक नया विवाद आ गया है।अब मुस्लिम संगठन MC आयुक्त के फैसले के खिलाफ़ ऊपरी अदालत में जाएंगे। मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन बोली कि नगर निगम आयुक्त की अदालत का फैसला गलत है।
एक बैठक में संगठन ने कहा कि मस्जिद कमेटी ने दबाव में आकर आयुक्त से मस्जिद को गिराने की अनुमति मांगी थी जबकि वक्फ बोर्ड और मुस्लिम संगठनों को विश्वास में नही लिया गया है।
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि ये मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है और इसके अवैध निर्माण के आरोप बेबुनियाद हैं।
इस मामले से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई है और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
बुधवार को ऑल हिमाचल मुस्लिमस ऑर्गेनाईजेशन की एक अहम बैठक शिमला में आयोजित की गई जिसमें प्रदेश में मौजूदा हालात पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
विशेष तौर पर कमीश्नर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन शिमला द्वारा मस्जिद संजौली के संदर्भ में 5 अक्तूबर को दिये गये फैसले की समीक्षा की गई जिसमें विशेष रूप से यह बात सामने आई कि कमीश्नर द्वारा दिया गया फैसला तथ्यों के एकदम विपरीत है।
प्रदेश प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने जारी प्रेस नोट में कहा क्योंकि इस मस्जिद की भूमि का मालिकाना हक हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड का है और राजस्व रिकार्ड में लगभग 125 सालों से मस्जिद ही दर्ज है।
संजोली मस्जिद ट्रस्ट द्वारा हाल के वर्षों में जो निमार्ण किया गया है वह पूरानी मस्जिद के उपर ही किया गया है। जोकि बिल्कुल वैध है।
जहां तक पर की मंजिलों का नक्शा पास करने की बात है उस नक्शे का पास करवाने के लिए निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ही आवेदन कर दिया गया था। जोकि कमीश्नर के कार्यलय में लम्बित था।
कमीश्नर एम सी शिमला ने नक्शा पास करवाने के आवेदन को नज़र अंदाज करके केवल कुछ लोगों की निजी राय को सामने रख कर मस्जिद की उपरी मंजिलों को गिराने के लिए ऐसे निजी व्यक्तियों के लिए फैसला किया है जो ऐसी किसी भी कार्यवाही के लिए अधिकृत नहीं है।
इसलिए इस एक तरफा तथ्यों को नज़र अन्दाज कर के दिए गये फैसले को उपरी अदालत में चुनौती देने के लिए विचार विमर्श करके फैसला किया गया कि फेसले की सर्टीफाइड कॉपी मिलने के तुरंत बाद मुस्लिम समुदाय की आस्था एवं भावनाओं को मदेनज़र रखते हुये इस फैसले को जल्द से जल्द उपरी कोर्ट में चुनौती दी जाये।
हर हाल में संजोली मस्जिद व प्रदेश के हर मस्जिद की हिफाजत करने के लिए अखिरी वक्त तक कानूनी लड़ाई लड़ी जायेगी।
बैठक में मौलाना मुमताज अहमद कासमी शिमला नजाकत अली हाशमी पांवटा साहिब, असलम खान साहब मण्डी, मुश्ताक अहमद माजरा मुस्तीहसन नाहन ताहिर खान पावंटा साहिब, मकसूद अहमद शिमला, महफूज मलिक कॉमरेड शिमला ने इस में शिरकत की।