एप्पल न्यूज, शिमला
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सोलर फेसिंग पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर किसानो- बागवानों के साथ अन्याय किया है, ये बात प्रदेश प्रवक्ता चेतन सिंह बरागटा ने कही।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कृषि विभाग के माध्यम से किसानों के फल और फसलो के बचाव के लिए सोलर फेसिंग योजना शुरू की थी।
जिस योजना के मुताबिक किसानो- बागवानो को उनके खेतो के बाहर सोलर फेसिंग लगाने के लिए 1500 रनिंग फुट तक के लिए 70% की सब्सिडी किसानों को मिल रही थी। जिससे छोटे और मझले बागवानों- किसानो को बहुत लाभ मिल रहा था।
चेतन ने कहा कि सोलर फेसिंग लगने से किसान- बागवान जंगली जानवरों की वजह से अपनी फसलो को हो रहे नुकसान से बचा पा रहे थे। लेकिन काँग्रेस सरकार ने इस योजना को क्यों बंद किया ये उनकी समझ से परे है जबकि किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहा था।
प्रदेश की काँग्रेस सरकार ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि ये सरकार बागवान विरोधी है। जब से हिमाचल प्रदेश मे ये सरकार क़ाबिज़ हुई है तब से आज तक इस सरकार ने बागवानी विरोधी निर्णय लेकर बागवानों और किसानों को हताश-निराश किया है।
चेतन ने कहा बागबान की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए पूर्व भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण योजना मे एंटी हेल नेट को भी जोड़ा था। जिसको भी वर्तमान की काँग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था।
इस योजना के तहत एक किसान परिवार को 5000 वर्ग मीटर में नेट लगाने पर 80 प्रतिशत सबसिडी मिल रही थी। पूर्व भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 10 करोड़ का बजट आबंटन भी किया था।
यह योजना छोटे किसान-बागबान के लिए बहुत फायदेमंद थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था और किसानों- बागबानों के हजारों आवेदनों को रद्द कर दिया था। आज फिर से काँग्रेस ने अपनी बागवानी विरोधी रीति-नीति को जारी रखते हुए पूर्व भाजपा सरकार में सोलर फेसिंग पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया और दो साल से लंबित पड़े आवेदन रद्द कर दिए।
चेतन बरागटा ने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री तथा बागवानी मंत्री को इस विषय पर हस्तक्षेप करना चाहिए और बागवानों के साथ हो रहे अन्याय को रोकना चाहिए।
नही तो प्रदेश का बागवान एक जुट होकर अपने हक की लड़ाई के लिए काग्रेस सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने पर विवश होगा।