एप्पल न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली
भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने देश की चुनावी व्यवस्था को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। अब देश में केवल 6 राष्ट्रीय दल और 67 क्षेत्रीय दल ही शेष रह गए हैं।
चुनाव आयोग ने बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत दलों को लगातार छह वर्षों तक चुनाव लड़ना अनिवार्य है।
इसके अलावा पार्टी के नाम, पता, पदाधिकारियों की जानकारी में किसी भी बदलाव की सूचना आयोग को देना आवश्यक है।
जिन दलों ने 2019 के बाद से कोई लोकसभा, विधानसभा या उपचुनाव नहीं लड़ा और जिनका वास्तविक पता भी उपलब्ध नहीं था, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है।

जून 2025 में आयोग ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 345 दलों की जांच करने का निर्देश दिया था।
कारण बताओ नोटिस जारी करने और व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देने के बाद रिपोर्ट में पाया गया कि 334 दल तय शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं। शेष मामलों को पुनः जांच के लिए वापस भेजा गया है। प्रभावित दल 30 दिनों के भीतर अपील कर सकते हैं।
वर्तमान में देश के छह राष्ट्रीय दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) और राष्ट्रीय पिपुल्स पार्टी (NPP) शामिल हैं।
बिहार में मतदाता सूची पर कोई दावा-आपत्ति नहीं
चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में 1 अगस्त को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया गया था, लेकिन अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने दावा या आपत्ति नहीं दर्ज कराई है। वहीं, मतदाताओं की ओर से 7252 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।









