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बद्दी की फार्मा कंपनी का दवा निर्माण लाइसेंस रद्द, काठा में दवा नियंत्रण प्रशासन की बड़ी कार्रवाई से हड़कंप

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एप्पल न्यूज, बद्दी सोलन

हिमाचल प्रदेश दवा नियंत्रण प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में स्थित एक फार्मा कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसका दवा निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया है।

विभागीय जांच में कंपनी पर मार्च 2025 में जारी ‘स्टॉप मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर’ की अवहेलना करते हुए गुप्त रूप से उत्पादन जारी रखने का आरोप सिद्ध हुआ है।

यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब राजस्थान दवा नियंत्रण प्रशासन ने ‘लेवोसेटिरीजीन टैबलेट्स’ (ब्रांड नाम श्विनसेट.एल) के फेल सैंपल की रिपोर्ट हिमाचल के अधिकारियों के साथ साझा की। रिपोर्ट में दवा को सब-स्टैंडर्ड घोषित किया गया था।

चोरी-छिपे चल रहा था उत्पादन

रिपोर्ट मिलने के बाद हिमाचल दवा नियंत्रण प्रशासन ने जांच की और पाया कि काठा गांव स्थित यूनिट में बंदी आदेशों के बावजूद गुप्त रूप से दवाओं का उत्पादन जारी था।
1 नवंबर को औचक निरीक्षण के दौरान मशीनें चालू अवस्था में पाई गईं।
निरीक्षण के दौरान कच्चा माल, तैयार दवाएं और रजिस्टर जब्त किए गए।

जांच में पुष्टि हुई कि 29 मार्च, 2025 के बंदी आदेशों के बावजूद यूनिट में अवैध निर्माण जारी था। इस गंभीर लापरवाही और जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को देखते हुए विभाग ने कंपनी को शोकॉज नोटिस जारी किया, जिसका जवाब असंतोषजनक पाया गया।

इसके बाद सहायक औषधि नियंत्रक (लाइसेंसिंग प्राधिकरण) डॉ. कमलेश नाइक ने कंपनी के दोनों निर्माण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए।

बाजार से मंगवाया जा रहा स्टॉक

आदेश के अनुसार, कंपनी अब किसी भी प्रकार की दवा का निर्माण, बिक्री या वितरण नहीं कर सकेगी।
यूनिट के सभी उत्पाद अनुमोदन रद्द कर दिए गए हैं और निर्देश जारी किए गए हैं कि कंपनी द्वारा निर्मित सभी दवाओं को बाजार से तत्काल वापस मंगवाया जाए।

ड्रग इंस्पेक्टर बद्दी को रिकॉल प्रक्रिया की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है तथा नियमानुसार आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।

विभाग ने बढ़ाई निगरानी

औद्योगिक सूत्रों के अनुसार, इस मामले के बाद प्रदेश के अन्य औषधि निर्माण यूनिट्स पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
विभाग ने संदिग्ध इकाइयों की सघन सैंपलिंग और संयुक्त निरीक्षण की योजना तैयार की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।

जनस्वास्थ्य से समझौता नहीं होगा: राज्य औषधि नियंत्रक

राज्य औषधि नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि यह कार्रवाई कंपनी द्वारा लगातार नियमों की अवहेलना और नियामक आदेशों की अनदेखी के चलते की गई है।
उन्होंने कहा —

“विभाग ने दवा निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। जनस्वास्थ्य से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा। यह मामला अन्य यूनिट्स के लिए भी चेतावनी है कि आदेशों और गुणवत्ता मानकों की अनदेखी पर अब सीधी कार्रवाई होगी।”

यह कार्रवाई हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में दवा उद्योग पर कड़ा संदेश देने वाली साबित हुई है।
राज्य का यह कदम दर्शाता है कि अब औषधि निर्माण में गुणवत्ता, पारदर्शिता और वैधानिक अनुशासन से किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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