IMG-20251108-WA0021
previous arrow
next arrow

हिमाचल में राज्य निर्वाचन आयोग भी आज से डिजास्टर एक्ट में, एक्ट हटने के बाद ही होंगे पंचायत चुनाव- मुख्यमंत्री

IMG-20251111-WA0008
previous arrow
next arrow

विपक्ष के वॉकआउट के बीच स्थगन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार, राज्य निर्वाचन आयोग भी आज से आपदा प्रबंधन एक्ट के दायरे में

एप्पल न्यूज, धर्मशाला।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव आपदा प्रबंधन कानून हटने के बाद ही करवाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि आज से राज्य निर्वाचन आयोग भी डिजास्टर प्रबंधन एक्ट के दायरे में आ गया है, इसलिए चुनाव करवाने की शक्तियों पर स्वाभाविक रूप से रोक रहेगी।

मुख्यमंत्री ने यह बयान विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पर जारी दो दिवसीय चर्चा का जवाब देते हुए दिया। चर्चा पूरी होने के बाद विपक्ष के वॉकआउट के बीच स्थगन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया गया।

आपदा से हालात और बिगड़े, चुनाव रोकना मजबूरी – CM

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य में 2005 का आपदा प्रबंधन कानून लागू है और वर्ष 2023 की तबाही के बाद यह साल स्थितियों के लिहाज से और भी अधिक गंभीर रहा।

उन्होंने बताया कि जून में सरकार ने नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और उपायुक्तों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए थे, लेकिन इसके तुरंत बाद प्राकृतिक आपदा ने पूरे सिस्टम को प्रभावित कर दिया।

उन्होंने कहा कि—

सिराज, मंडी, कुल्लू और चंबा जिला आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए

सड़कें बंद होने से बागवानी उपज मंडियों तक नहीं पहुंच पाई

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी 10 हजार फंसे तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए 9 दिन मणिमहेश में तैनात रहे

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने इस संकट के बीच एमआईएस के तहत 100 करोड़ रुपये का सेब खरीदा, ताकि बागवानों को आर्थिक राहत मिल सके।

चुनाव स्थगित नहीं, सिर्फ तात्कालिक रोक — सुक्खू

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजास्टर एक्ट लागू रहने के दौरान चुनाव टालना मजबूरी है, लेकिन इसे स्थायी रूप से स्थगित नहीं किया गया है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:

“जब तक डिजास्टर एक्ट लागू रहेगा, चुनाव आयोग की शक्तियां सीमित रहेंगी। एक्ट हटते ही चुनाव जरूर करवाए जाएंगे।”

भाजपा पर पलटवार — नगर निगम चुनाव भी टाले थे

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला नगर निगम चुनाव भी भाजपा सरकार के दौरान टाले गए थे।
उन्होंने कहा कि —

“पंचायत चुनावों का विधानसभा चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन जयराम सरकार ने नगर निगम चुनाव सिर्फ इसलिए टाले क्योंकि उसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने थे।”

सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर आपदा प्रभावितों को राहत

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 11 दिसंबर को सरकार के तीन साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में आपदा प्रभावित परिवारों को घरेलू सामान खरीदने के लिए एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे।

विपक्ष का वॉकआउट

मुख्यमंत्री के उत्तर के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में व्यवस्था दी कि यदि विपक्ष संतुष्ट है तो वह स्थगन प्रस्ताव वापस ले सकता है, अन्यथा सदन इसे मतदान के लिए रखेगा।
इसी दौरान विपक्षी भाजपा के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए, जिसके बाद स्थगन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया गया।

Share from A4appleNews:

Next Post

मिल्कफेड ने कम किए दूध के दाम, पैकेट बंद दूध 3 और खुला दूध 4 रुपए सस्ता, उपभोक्ताओं ने ली राहत की सांस

Fri Nov 28 , 2025
एप्पल न्यूज, शिमला हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। प्रदेश मिल्कफेड ने दूध के दामों में कटौती करते हुए पैकेट बंद और खुले दूध दोनों के रेट कम कर दिए हैं। लगातार बढ़ती महंगाई और दूध की कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं को अब कुछ […]

You May Like

Breaking News