एप्पल न्यूज, धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आठ दिवसीय शीतकालीन सत्र आज धर्मशाला के तपोवन में सम्पन्न हो गया। यह प्रदेश विधानसभा के इतिहास में कांगड़ा में आयोजित सबसे लंबा शीतकालीन सत्र रहा। इस सत्र के साथ ही चालू कैलेंडर वर्ष के लिए निर्धारित न्यूनतम 35 बैठकों का लक्ष्य भी पूरा हो गया है।
समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष को अपनी बात रखने के लिए पूरा समय दिया गया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि सदन की कार्यवाहियों के वीडियो एवं ऑडियो क्लिप जारी करने से पूर्व इनमें प्रयुक्त असंसदीय शब्दों को हटाया जाए, ताकि कोई भी असंसदीय शब्द सार्वजनिक न हो।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सार्थक चर्चा के लिए विपक्ष को सुना जाना आवश्यक है, क्योंकि विपक्ष के पास अपना पक्ष रखने का मुख्य माध्यम विधानसभा ही है।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान तल्खी के कई अवसर आए, परंतु सत्र समाप्ति के बाद यह तल्खी आगे नहीं बढ़नी चाहिए। उन्होंने आगामी समय में विपक्ष के प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिलने की अपेक्षा जताई।
विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि शीतकालीन सत्र की कार्यवाही कुल 34 घंटे चली और सदन की उत्पादकता 85 प्रतिशत रही। सत्र के दौरान सत्तापक्ष को 16 घंटे 30 मिनट तथा विपक्ष को 15 घंटे 30 मिनट अपनी बात रखने का अवसर मिला।
विवरण आँकड़े
सत्र की कुल अवधि 34 घंटे
उत्पादकता 85%
सत्तापक्ष को समय 16.5 घंटे
विपक्ष को समय 15.5 घंटे
तारांकित प्रश्नों के उत्तर 376
अतारांकित प्रश्नों के उत्तर 118
नियम 61 के तहत चर्चा 2 विषय
नियम 62 के तहत चर्चा 10 विषय
नियम 67 के तहत चर्चा 5 घंटे 8 मिनट (18 सदस्य)
नियम 130 के तहत 2 विषय, 1 पर चर्चा
बिल 6 पेश और पारित / 1 चयन समिति को भेजा गया
संकल्प 1 चर्चा के बाद वापिस, 1 सरकार ने मंजूर
निजि कार्य दिवस 2 दिन
उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान 376 तारांकित और 118 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। नियम 61 के तहत 2 तथा नियम 62 के तहत 10 विषयों पर चर्चा हुई।
नियम 67 के तहत पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव से संबंधित विषय पर 5 घंटे 8 मिनट तक चर्चा चली, जिसमें 18 सदस्यों ने भाग लिया तथा सरकार द्वारा इस चर्चा का उत्तर 1 घंटे 4 मिनट तक दिया गया।
उन्होंने बताया कि दो दिन निजि कार्य दिवस के लिए निर्धारित किए गए थे। एक संकल्प चर्चा के बाद वापिस ले लिया गया तथा एक संकल्प सरकार द्वारा स्वीकार किया गया।
नियम 130 के अंतर्गत लाए गए दो विषयों में से एक पर चर्चा हुई। सत्र के दौरान 6 विधेयक पेश और पारित किए गए, जबकि 1 विधेयक को सदन की चयन समिति के विचार हेतु भेजा गया।
सत्र की समाप्ति पर विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।






