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सीएम की विपक्ष को नसीहत राजनीति करने का नहीं ये वक़्त, बाहर फंसे हिमाचलियों को लाने पर 3 मई के बाद करेंगे विचार

एप्पल न्यूज़, शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू लागू रहेगा कोई ढील नहीं दी जाएगी। विपक्ष से आग्रह है कि वैश्विक महामारी में राजनीति न करें। जो सुझाव है उसको लेकर बात करें। राजनैतिक मकसद से उसमें कोई पूर्ति करना चाहे तो वह सहन नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि हम जीवित रहेंगे तो राजनीति होगी। सांसद रामस्वरूप मामले पर पूछे सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि वह घर परिवार से नहीं मिले है, पुराने घर पर क्वारन्टीन है। नेगेटिव से पॉजिटिव मामले में उन्होंने कहा कि पूरे देश मे ऐसे एक नहीं अनेकों मामले आये है। मामले पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि जिस व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव से पॉजिटिव आई है। उसे घर नहीं भेजा गया था। इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन किया गया था। आगे भी मरीज को ठीक होने बाद भी 28 दिन से पहले घर नहीं भेजा जाएगा। ठीक होने के बाद भी 14 दिन का क्वारन्टीन पूरा करना होगा, मरीज की पूरी निगरानी की जाएगी और टेस्ट दोबारा किये जाएंगे।

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विधायक राकेश सिंघा के हड़ताल पर बैठने मामले पर पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि सिंघा जो कर रहे है उसके लिए वक्त सही नहीं है। मजदूरों को खाना व राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। लेकिन असल बात यह है कि मजदूर वापिस अपने राज्यों में जाना चाहते हैं जिसकी सरकार मंजूरी नहीं दे सकती। ऐसे में जब दूसरे राज्यों की सरकारें भी उन्हंबिना क्वारन्टीन प्रवेश की अनुमति नहीं देगी। वहीं हिमाचल से बाहर अन्य राज्यों में फंसे छात्रों के लिए सीएम ने कहा कि अभी 3 मई तक

इंतज़ार करना होगा। प्रदेश व अपनी भलाई के लिए थोड़ी और तपस्या कर लें। सरकार को उनकी चिंता है और संबधित सरकारों से तालमेल स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मजबूत नेतृत्व की वजह से काफी हद तक महामारी की गति को रोकने में कामयाब हुए हैं। हिमाचल की जनता का आभार करते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता ने बहुत सहजता से कठिन निर्णय को स्वीकार किया। आज हिमाचल में ही कोरोना वायरस से अछूते नहीं है। उम्मीद कर रहे थे कि मामलों को रोक लेंगे। देश मे जहां लॉक डाउन है वहीं हिमाचल में आज भी कर्फ्यू है। कर्फ्यू इसलिए लगाया क्योंकि लॉक डाउन को लोग हल्के में ले रहे थे। बजट सत्र के दौरान यह दौर शुरू हो गया था, पड़ोसी राज्यों में मामले आने शुरू हो गए थे। जिसके बाद स्कूल, कॉलेज बंद करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद बजट एक दिन में पारित कर बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। उसके एक दौर ऐसा आया कि हिमाचल प्रदेश में नवरात्रों के बावजूद भी मंदिरों के कपाट बंद करवाएं गए। उसके बाद पर्यटकों का अचानक हिमाचल की ओर रूख करना शुरू हो गया मगर सरकार ने लोगों की भलाई के लिए पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि सुबह 10 बजे से सरकार का शेड्यूल शुरू हो जाता है। पहली बैठक में सप्लाई चेन की कार्यप्रणाली देखी जाती है कि कोई कहीं भूखा तो नहीं रहन की सप्लाई अवरूद्ध तो नहीं हुई। बीच मे जब थोड़ा अवरोध आया तो केंद्र की मदद से परिस्तिथियों को ठीक किया गया।प्रदेश में कहीं भी राशन और दवाई की कमी नहीं होने दी।स्वास्थ्य संबधित उपकरणों की जानकारी भी रोज ली जा रही है। शेड्यूल के दूसरे पार्ट में सीधा संवाद उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ किया जा रहा है। उसके बाद कोरोना के मामलों पर काम किया जा रहा है कितने सैम्पल गए कितने केस कोरोना के आए। ऐसा ही रात तक सरकार का शेड्यूल व्यस्त चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे पहले दो कोरोना मामले आए, जो विदेश से आय। उसके बाद बद्दी का एक मामला ऐसा आया जिसके बाद सरकार अलर्ट हुई। सबसे अधिक धक्का दिल्ली मरकस से लगा। सरकार के बार बार कहने के बाद भी लोगों ने जानकारी छिपाई। सख्ती करने के बाद बड़ी संख्या ऐसी निकली जो सामने आए।सीएम ने कहा कि बाकी राज्यों की तुलना में हिमाचल कोरोना वायरस को रोकने में सफल हुए है। सख्ती की वजह से जिसमें सरकार कामयाब हो पाई।हिमाचल में कोरोना से 6 जिला प्रभावित हुए है। जरा भी चूक हुई तो मामले बढ़ सकते हैं।बाहर फंसे हिमाचलियों को लाने के लिए सरकार पर लोगों का दबाव होने के बावजूद भी फैसला नहीं लिया। जिनको अभी भी इंतजार करना होगा। 50 लाख देगी सरकार यदि एसेंशियल सेवा दे रहे स्वास्थ्य व सफाई कर्मचारी की मौत होती है। जन धन खाते में पैसे जमा किए जा रहे हैं। कामगार में 75 हजार से अधिक रजिस्टर कामगारों को आर्थिक सहायता दी जा ही है।पालमपुर व मंडी टेस्टिंग सुविधा के लिए काम किया जा रहा है।

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