एप्पल न्यूज़, शिमला
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कुलपतियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस से बातचीत की और विश्वविद्यालय स्तर पर शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ली।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार, बागवानी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रो. परमिन्दर कौशल, कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के कुलपति प्रो. अशोक सरयाल, तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल, कलस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति प्रो. सी.एल. चमन और अटल मेडिकल एण्ड रिसर्च विश्वविद्यालय, नेरचैक, मंडी के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कश्यप ने वीडियो कांफ्रेंस में भाग लिया।
राज्यपाल ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सुझाए गए विभिन्न आॅन लाईन पोर्टल के उपयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप परीक्षाओं की तैयारी और अगले सत्र को लेकर रोडमैप, कोविड-19 के दौरान विश्वविद्यालय की भूमिका, आॅनलाईन शिक्षा व कक्षाओं की अभी तक की स्टे्टस रिपोर्ट, वालंट्यिर्स की भूमिका, हिन्दी में शिक्षण की सुविधा इत्यादि विषयों को लेकर जानकारी हासिल की।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने पिछले 55 दिनों से लाॅकडाउन के दौरान आॅनलाईन कक्षाओं को लेकर सभी कुलपतियों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 31 मई तक लाॅेकडाउन-4.0 में भी सभी विश्वविद्यालय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फाॅलो-अप, दक्षता व जागरूकता का परिचय देंगे। उन्होंने कहा कि कुलपतियों के साथ पहली वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने आॅनलाईन एजुकेशन पर बल दिया था, जिस पर सभी ने काम किया। उन्होंने कहा कि यह मौका है कि इस तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की तकनीक के माध्यम से कोई भी व्यवस्था क्यों न बने लेकिन विद्यार्थियों के साथ संपर्क बनाये रखा जाना चाहिए।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि विद्यार्थियों की मनोस्थिति को जानने की कोशिश की जाते रहनी चाहिए और विशेषकर आॅनलाईन व्यवस्था मेें उन्हें क्या समस्या है, इसकी प्रतिक्रया ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वालंटियर तैयार करने के लिए उन्होंने कहा था। इसकी वजह विद्यार्थियों में सेवा भाव पैदा करना है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा जागरूकता के लिए अपनाये गए गांव के बारे में भी उनकी प्रतिक्रिया को सांझा किया। उन्होंने स्थानीय भाषा के उपयोग की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे क्षेत्र जहां नेटवर्क की समस्या है और गरीब बच्चे जिनके पास समार्ट फोन नहीं हैं, के बारे में भी विकल्पों पर बातचीत की।
इस अवसर पर, कुलपतियों ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि 90 प्रतिशत तक उन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर दिया है। आॅनलाईन पुस्तकालय सुविधा दी जा रही है। शोधकार्य जारी है और प्रवेश परीक्षाओं के लिए समितियां गठित की जा चुकी हैं। जागरूकता कार्यक्रम पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कुछ प्रशासनिक स्टाॅफ को बुलाने का आग्रह किया ताकि प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियों को भी जारी रखा जा सके।
राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।