एप्पल न्यूज़, शिमला
विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए भाजपा विधायकों ने जिस मुस्तैदी से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष के साथ मिलकर मांग पत्र सौंपा था। उसी मुस्तैदी में 24 घंटे के भीतर ही उससे पीछे भी हट गए हैं। आलम ये है कि भाजपा अध्यक्ष की एक फटकार ने इन विधायकों के हौसले पस्त कर दिए है। अब न तो विशेष सत्र बुलाने की मांग हो रही न ही इस तरह के किसी बयान की चर्चा।
हुआ यूं कि डॉ राजीव बिंदल को जैसे ही विपक्ष के साथ मिलकर विधानसभा अध्यक्ष को ऐसा मांग पत्र दिए जाने की जानकारी मिली, उन्होंने इन विधायकों को कड़ी फटकार लगाई और सौंपे गए मांग पत्र को पूरी तरह से अनुचित ठहराया। अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों की इस गतिविधि का कड़ा नोटिस लिया है। भाजपा अध्यक्ष डॉ बिन्दल ने कहा कि कोरोना संकट में विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया था और अभी संकट बरकरार है।
प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल को कोरोना से बचाने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रही है। ऐसे में भाजपा का स्पष्ट मत है कि जब सभी प्रकार की बड़ी बैठकें बंद हैं तो विधानसभा सत्र को आहूत करना अनुचित होगा।
अध्यक्ष की फटकार लगने के बाद बैकफुट पर आए भाजपा विधायकों ने संयुक्त बयान में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को भाजपा विधायकों द्वारा जो पत्र दिया गया है वो किसी भी प्रकार से यह भावना नहीं रखता है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
भाजपा विधायकों ने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार कोरोना से की जा रही लड़ाई को बखूबी लड़ रही है और हिमाचल सरकार और भाजपा ने हिमाचल प्रदेश के जनमानस की लगातार सेवा की है।
भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि ये सब मजाकिया अंदाज़ में हुआ। वह विपक्ष के साथ मिलकर विशेष सत्र की मांग नहीं कर रहे थे।
अब आप देखें पिछले कल इन्हीं भाजपा विधायक का क्या बयान था और अब किस प्रकार से अपने बयान से पलट गए हैं। ये सब भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल की फटकार का नतीजा है कि भाजपा विधायक किस तरह से बैक फुट पर आ गए हैं।