एप्पल न्यूज़, कुल्लू
जिला भाषा अधिकारी कुल्लू सुनीला ठाकुर ने जानकारी दी है कि पाण्डुलिपियों, दुर्लभ पुस्तकों, अभिलेखीय छायाचित्र एवं प्रिंट, रेपोग्राफी तथा माईक्रोफिलिंग के संरक्षण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
यह सहायता भारत सरकार के राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा चलाई गई योजना के अंतर्गत प्रदान की जाएगी। इसके लिए कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति के इच्छुक व्यक्तियों/संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
सुनीला ने कहा कि पुरा-अभिलेखों, पुरा नस्तियों, पाण्डुलिपियों इत्यादि के संदर्भ में यह वित्तीय सहायता वर्ष 2020-21 के लिए प्रदान की जानी है। सहायता राशि की
अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये निर्धारित है। योजना के लिए वित्तीय सहायता 75ः25 प्रतिशत के अनुपात में दी जाती है । इस योजना का उद्देश्य उन विभिन्न संस्थाओं को अनुदान प्रदान करना है जो राष्ट्र की धरोहर की रक्षा करने में वचनबद्व हैं और योगदान कर रहे हैं। योजना के अन्तर्गत पाण्डुलिपियों, प्राचीन पुस्तकों, पुराने एवं बहुमूल्य अभिलेखों के परिरक्षण उनके सूचीकरण, मुल्यांकन, अनुवाद मुद्रण तथा श्रेणीकरण हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। वर्ष 2020-21 के लिये इच्छुक व्यक्तियों/ संस्थाओं से आवेदन पत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय देव सदन, ढालपुर, कुल्लू में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
जिला भाषा अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये राष्ट्रीय अभिलेखागार की बेवसाईट ूूूण्दंजपवदंसंतबीपमअमेण्दपबण्पद का भी अवलोकन किया
जा सकता है।