एप्पल न्यूज़, शिमला
इस समाज में सभी लोग साधन सम्पन नहीं है। यह भी सच है कि इसी समाज में ऐसे भी लोग है जिनके पास जरूरत से अधिक है। समानता लाना तो समाज में कठिन है लेकिन जरूरतमंद लोगों की सहायता व अपने हिस्से की कुछ चीजें उन्हें देकर समाज में सौहार्द लाया जा सकता है। जिस चीज की हमें क़द्र नहीं शायद वही वस्तु किसी व्यक्ति या परिवार के चेहरे पर खुशी ले आये।
समाज मे इसी तरह सौहार्द बढ़ाने की कोशिश की है एसजेवीएनएल के मुखिया व कर्मचारियों ने। कम्पनी के तौर पर तो एसजेवीएनएल अक्सर अंशदान करता है मगर अब सीएमडी नंदलाल ने व्यक्तिगत तौर पर My Social Responsibility के तहत अपनी वस्तुओं को समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के साथ बांटना शुरू किया है। ऐसी वस्तुएं जो साल भर दिवाली, नए साल व अन्य त्योहारों के उपलक्ष्य पर उन्हें तोहफे में मिली है और सौहार्द कार्यक्रम के तहत ऐसी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाकर कूपन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को वितरित किया जाता है। सौहार्द -2 कार्यक्रम के तहत भी बुधवार को इसी तरह एसजेवीएनएल के सीएमडी द्वारा कई लोगों के चेहरे पर मुस्कराहट लाई गई। सीएमडी नन्दलाल ने कहा कि समाज में ऐसे लोग है जिन्हें जरूरी वस्तुओं की किल्लतों में बसर करना पड़ता है। \’my social responsibility\’ के तहत व्यक्तिगत रूप से अपनी वस्तुएं जरूरतमंद लोगों को प्रदान किया जा रहा है।
कंपनी के तौर पर तो एसजेवीएनएल पहले से ये काम कर ही रहे है लेकिन व्यक्तिगत रूप से भी अब किया जा रहा है। इसी के तहत बुधवार को एसजेवीएनएल कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया
सौहार्द-2 में 300 वस्तुएं डिस्पले की गई । जिन्हें आउटसोर्स, दिहाड़ीदार सहित व अन्य कम आय वर्ग के लोगों को दिया गया।
उन्होंने कहा कि भविष्य में आगे भी हर साल इस प्रथा को चलाया जाएगा। दान करने की भी एक आदत है। उन्होंने लोगों से अपील की कि साधन संपन्न लोग अपनी आदत बनाये और my social responsibility निभाये।
सीएमडी नन्दलाल ने बताया कि कोरोना योद्धाओं जिन्होंने इस महामारी के दौर में समाज के लिए बेहतर काम किया है उन्हें भी भविष्य में व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लॉक डाउन का उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा। पीएम को कॉल पर करीब 32 हजार मेगावाट का फलक्चुएशन होना था लेकिन ग्रिड को फेल नहीं होने दिया गया। हाइड्रो प्रोजेक्ट को एक मिनट में बंद कर सकते हैं और एक मिनट में ही शुरू भी किया जा सकता है जबकि अन्य माध्यमों में ये सम्भव नहीं होता।
वहीं निर्माण कार्यों में लेबर के पलायन के कारण असर पड़ा है। क्योंकि स्थानीय लोग टनल की खुदाई और भूमि कर अंदर के काम नहीं करते। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन से बेहद कम मशीनें व सामान यहां आता है। चीन व पाकिस्तान से कोई भी पीएसयू खरीदारी नहीं करेगा। भारतीय वेंडर्स को प्रमोट किया जाएगा।
सीएमडी नन्दलाल शर्मा ने कहा कि एक बेसिन में एक ही पीएसयू को सारे प्रोजेक्ट दिए जाने चाहिए जिसके निर्माण में भी आसानी होगी और स्थानीय लोगों के साथ उठने वाले मुद्दों का भी आसानी से समाधान हो सकेगा।