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मुख्यमंत्री का रोहड़ू- जुब्बल कार्यक्रम मात्र चुनावी स्टंट : रोहित ठाकुर

एप्पल न्यूज़, जुब्बल कोटखाई

जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के शिलान्यास को मात्र पंचायत चुनावी स्टंट क़रार दिया है। रोहड़ू में प्रेस को संबोधित करते हुए रोहित ठाकुर ने स्थानीय विधायक नरेन्दर बरागटा और सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि नरेंदर बरागटा ने इस वर्ष जुलाई माह में भी मुख्यमंत्री से 55 से अधिक शिलान्यास के पत्थर रख़वाए थे जो कि अभी तक कार्य शुरू होने की बाट जोह रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ने स्थानीय विधायक को जुगाड़ू कहा था और जुगाड़ के इस क्रम को आगे बढाते हुए पंचायत चुनाव से कुछ हफ़्ते पहले फ़िर से एक दर्जन से अधिक पत्थर रख कर नया कीर्तिमान स्थापित करना चाहते हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा विश्व बैंक से बाग़वानी विकास योजना के लिए स्वीकृत ₹ 1134 करोड़ के जिस प्रोजेक्ट पर भाजपा नकारात्मक राजनीति करती आई हैं उसी के तहत पराला में फल प्रस्सकरण केंद्र की स्वीकृति सम्भव हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में नरेन्दर बरागटा ने गुम्मा में बिना बजट के फल प्रसकरण केंद्र का शिलान्यास किया था बेहतर होता कि पिछले तीन वर्षों में बरागटा उसकी पट्टिका तो ढूंढ लेते।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को समान दृष्टिकोण के साथ प्रदेश का विकास करने की आवश्यकता हैं लेक़िन वो मंडी और सिराज तक ही सीमित रह गए हैं। पिछले तीन वर्षों के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जिला शिमला के साथ हर क्षेत्र में भेदभाव हुआ हैं जिससे जनता को घोर निराशा हाथ लगी हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में दिन रात का अंतर हैं। हाटकोटी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में ₹5 करोड़ रुपये की घोषणा की थी जिसमें आज तक एक भी ईंट नही लगा पाएं और अब इसी घोषणा राशि को घटाकर ₹3 करोड़ से शिलान्यास किया जा रहा हैं। इसी तरह गिरी गंगा मन्दिर के लिए पिछले भाजपा कार्यकाल में लगभग ₹75 लाख रुपये स्वीकृत करवाएं थे जिसे भाजपा कार्यकर्ता ठेकादार बनकर डकार गए।

उन्होंने विधायक को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि नरेन्दर बरागटा ने उनके कार्यकाल में विधायक प्राथमिकता के तहत प्रस्तावित सड़को की डीपीआर को पहले रोकने का कार्य किया और जब इसमें सफ़ल नही पाएं तो श्रेय लेने के लिए पत्थर लगाए जा जा रहे हैं।

जनता को मूलभूत सुविधाओं और विकास के लिए मजबूरन न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ रहा हैं। खड़ापत्थर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग का उप मंडल कार्यालय खोलना दीगर की बात हैं परन्तु पिछले तीन वर्ष से ठियोग-हाटकोटी सड़क का मात्र 8% शेष कार्य करवाने में नाकाम रहे ।

जुब्बल में पार्किंग स्थल में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की आधार शिला वर्ष 2017 में रखी जा चुकी हैं जिसके लिए 35 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे जिसका कार्य लटका पड़ा हैं जबकि उसी बजट से जुब्बल में पार्किंग का शिलान्यास किया जा रहा हैं और इसके लिए वर्तमान सरकार ने कोई नया पैसा स्वीकृत नही किया।

धूमल सरकार के कार्यकाल में ₹1600 करोड़ के शिलान्यास और घोषणाएं कागज़ो में सिमट कर रह गई और अब पंचायत के चुनाव नजदीक आते देख कागज़ी शिलान्यास कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक ने पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में NDRWP के तहत लगभग 10 करोड़ के आबंटित टेन्डर को रद्द करवाया जबकि BRICS के तहत स्वीकृत 38 करोड़ की पेयजल योजनाओं के अभी तक टेंडर नही लगवा पाएं हैं। केंद्रीय प्रायोजित जल जीवन मिशन योजना के* तहत पत्थर खड़े करने का काम हो रहा हैं जबकि केंद्र सरकार ने इसके प्राक्कलन में दो तिहाई बजट की कटौती कर दी हैं। छोटी-2 पानी की योजनाओं के पुनर्निर्माण तक के कार्य के उद्धघाटन मुख्यमंत्री से करवाएं जा रहे हैं।

नई पेयजल योजनाओं को सुचारू करने में वर्षो लगेंगे जबकि बनी हुई पेयजल योजनाएं ठप्प पड़ी हैं और पानी के लिए जनता में त्राहिमाम मचा हुआ हैं। सरस्वती नगर स्टेडियम के लिए लाडा के तहत ₹3 करोड़ स्वीकृत हुए थे जिसका दुरुपयोग भाजपा के पिछले कार्यकाल में किया गया।

रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खड़ापत्थर में स्वीकृत सीए स्टोर का टेन्डर सभी औपचारिकता पूरी होने के बावजूद भी एपीडा के निदेशक रहते हुए नरेन्दर बरागटा ने रदद् करवा दिया।

खड़ापत्थर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए बजट होने के वावजूद भी भवन का निर्माण शुरू नही किया गया। पिछले तीन माह से सूखे के चलते क्षेत्र में आगज़नी से सैकड़ो सेब के बाग़ीचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं, बाग़वानो-किसानों को हुए नुक़सान का मुआवज़ा तो दूर उसका आंकलन भी नही हो पाया।

कोरोना काल मे सरकार का प्रबंधन पूर्ण रूप से विफ़ल रहा हैं जनता को कोरोना से बचाना तो दूर सरकार की पूरी कैबिनेट ही कोरोनाग्रस्त हो गई। सूखे और आगज़नी की घटनाओं से पशुओं के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई हैं उन्होंने कहा कि विकास के बड़े-2 दावों को छोड़ सरकार चारा उपलब्ध करवाएं।

पूर्व कांग्रेस सरकार के समय खोले गए स्वास्थ्य संस्थान, जनता की मांग पर स्वीकृत बस रूट नकारात्मक राजनीति के चलते विधायक द्वारा बन्द करवाएं गए। जन हित को नजरअंदाज कर विधायक के चहेतों को लाभ देने तक विभागों की कार्यप्रणाली सीमित रही।

नरेन्दर बरागटा का तीन वर्षो का कार्यकाल कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों में निकल गया। विधानसभा क्षेत्र में सभी विकासात्मक कार्य रुकें पड़े हैं और अब पंचायती चुनाव नजदीक आते देख जनता को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर नरेन्दर बरागटा आनन-फ़ानन में शिलान्यास करवा रहे हैं।

उन्होंने अंत मे कहा कि भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई हैं और आने वाले पंचायत और विधानसभा के चुनाव में हिमाचल की जनता जुमलेबाजों को मुँह तोड़ जवाब देगी।

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