एप्पल न्यूज़, कुल्लू
शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि सर्दियों में बर्फबारी के कारण अत्यधिक ठंड के कारण बेसहारा गौ वंश की सुरक्षा आवश्यक हो जाती है। इसके लिए उन्होंने सभी एसडीएम व खण्ड विकास अधिकारियों को संबंधित क्षेत्रों में बैठकें करके बेसहारा जानवरों की सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि जिला में मौजूद गौसदनों में क्षमता व चारे की स्थिति का जायजा लिया जाए ताकि बाहर घूम रहे आवारा पशुओं को इनमें रखने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
गोविंद ठाकुर इस संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने आम जनमानस से अपील की कि अपनी गायों को बे-सहारा सड़कों पर न छोडे़, क्योंकि सर्दियों के दौरान ठंड से इनके मरने की आंशका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना पाप भी है और लोगों को गौवंश के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं, पंचायती राज संस्थानों व आम लोगांे से विशेष अपील की है कि गौवंश की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें और यथाक्षमता गौ सदनों में चारा अथवा दान भी दें।
सैंज बिहाली में गौ-अभ्यारण के लिए 193 बीघा भूमि चयनित,
350 गोवंश को मिलेगा आश्रय
गोविंद ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गौवंश की सुरक्षा को लेकर संजीदा है और प्रदेश को 2022 तक बेसहारा पशुमुक्त करने की उन्होंने घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला में प्रयास किए जा रहे हैं। सैंज बिहाली स्थान पर गौ-अभ्यारण बनाने के लिए 193 बीघा भूमि का चयन कर लिया गया है। इस गौ अभ्यारण में 350 से अधिक बेसहारा गोवंश को आश्रम प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आनी उपमण्डल में दलाश तथा लगोटी में दो गौसदन निर्माणाधीन हैं जिनमें 200 बेसहारा गौवंश को आश्रय मिल जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिला के मौजूदा गौसदनों में 1430 गोवंश को आश्रय प्रदान किया गया है। इनमें रायसन, बंदरोल, जोहल बंदरोल, कटराई, धामण, रांगड़ी, शलेरा, बाशिंग, लंका बेकर, ब्रो तथा शिंगर शािमल हैं। इनमें कुछ निजी तौर पर संचालित किए जा रहे हैं।
.0.