SJVN Corporate ad_E2_16x25
SJVN Corporate ad_H1_16x25
previous arrow
next arrow
IMG-20240928-WA0004
IMG_20241031_075910
previous arrow
next arrow

जयराम के बजट में पत्रकारों की अनदेखी, न नीति न योजना, पिछले बजट की घोषणाओं से भी दूरी- NUJI

4
IMG-20240928-WA0003
SJVN Corporate ad_H1_16x25
SJVN Corporate ad_E2_16x25
Display advertisement
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट में पत्रकारों को अनदेखा ही नहीं बल्कि हाशिये पर धकेल दिया गया है। किसी योजना या नीति की घोषणा तो दूर पत्रकार हित का जिक्र तक नहीं किया गया। इससे प्रदेश भर के पत्रकार हताश और निराश हो गए हैं। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया ने हिमाचल सरकार द्वारा पत्रकारों की अनदेखी पर कड़ा रोष प्रकट किया है। यूनियन की राष्ट्रीय सचिव सीमा मोहन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जोगेंद्र देव आर्य और सुमित, प्रदेश अध्यक्ष रणेश राणा, महिला अध्यक्ष प्रीति मुकुल, महासचिव किशोर व मीना कौंडल सहित समस्त कार्यकारिणी ने इस बजट को पत्रकारों के लिए अहितकारी बताया।
एक संयुक्त बयान में सभी ने कहा कि पत्रकार अपनी कड़ी मेहनत से समाज और सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में काम कर रहा है। चंद लोगों को छोड़कर पूरा पत्रकार जगत पूरी निष्ठा ईमानदारी और तन्मयता से कोरोना महामारी जैसे दौर में भी निडर होकर अपनी जान की परवाह किए बिना अपने कार्य का निष्पादन करता रहा। कई पत्रकारों ने अपनी जान गवाईं तो कई पत्रकारों पर सरकार ने खुद मामले दर्ज करवाकर प्रताड़ित किया। एनयूजे आई ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, निदेशक और मीडिया के माध्यम से लगातार पत्रकारों के मामलों को सरकार के ध्यान में लाया लेकिन आज जब बजट पेश किया गया तो पत्रकारों को झुनझुना थमा दिया। न कोरोना योद्धा के रूप में सम्मान मिला न ही अन्य राज्यों की तर्ज पर वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन की सुविधा मिली। प्रधानमंत्री मोदी डिजिटल अभियान को भी जयराम ठाकुर की सरकार ने ठेंगा दिखाते हुए वेब मीडिया पॉलिसी को भी मंजूर नहीं किया। जबकि ई विधान, ई कैबिनेट, ई परिवहन या ई समाधान और आईटी सेल जैसी योजनाएं बनाकर अपने चहेतों को लाभ दे रहे हैं।
एक तरफ पत्रकारिता को चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन दूसरी तरफ उसी स्तंभ को खोखला किया जा रहा है। निशुल्क बस यात्रा तो दूर एक्रीडेशन और मान्यता के मामले सालों से लटका कर रखें है जबकि चहेतों को हाथों हाथ लाभ दिया जा रहा है। इधर पत्रकारों ने कई बार विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा लेकिन उनकी तरफ से समय ही नहीं दिया जा रहा। जिसकी यूनियन ने निंदा की है।
यूनियन ने इन सभी परेशानियों के समाधान और पत्रकार हित में पत्रकार कल्याण बोर्ड के गठन और फर्जी पत्रकारों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए सरकार से नेशनल रजिस्टर फ़ॉर जर्नलिस्टस की मांग की थी। यही नहीं 2018-19 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री जयराम ने सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लैपटॉप देने की घोषणा की थी लेकिन उसमें भी पत्रकारों का बंटवारा कर दिया। 2019-20 में पूर्व के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के बजाय नई सूची के प्रदेश व जिला स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटॉप दिए गए । जबकि उपमंडल स्तर के सभी पत्रकारों को आज तक भी लैपटॉप नहीं दिए गए। जबकि 2020-21 के बजट में भी सीएम ने उपमंडल स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लैपटॉप देने की घोषणा की थी इसे भी अब तक पूरा नहीं किया गया है।
यूनियन का कहना है कि पत्रकारों को एक सामान लाभ दिए जाएं और लोकतंत्र की व्यवस्था को संतुलित और स्वतंत्र रखने के लिए पत्रकारों के हितों की सुरक्षा और सरंक्षण की दिशा में योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाए।

Share from A4appleNews:

Next Post

पीएम ने 75 सौ वां जन औषधि केंद्र देश को किया समर्पित, अनुराग ठाकुर बोले-पंश्चिम बंगाल सहित 5 राज्यों में खिलेगा कमल

Sun Mar 7 , 2021
एप्पल न्यूज़, शिमला पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को जन औषधि दिवस के उपलक्ष्य पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से शिलांग में बने 7500 वें जन औषधि केंद्र देश को समर्पित किया। इस दौरान पीएम ने वर्चुअली जन औषधि परियोजना के लाभार्थियों के साथ बात भी की। शिमला में रिज […]

You May Like

Breaking News