एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री की गैर हाजरी में वीरवार को संसदीय कार्य मंत्री की तरफ से सदन में FRBM एक्ट, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध(संशोधन) विधेयक 2021 को चर्चा और पारण के लाया गया जिसमें कर्ज की सीमा को 3 से 5 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया।
विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया और इस विधेयक को कैबिनेट और सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग उठाई लेकिन सत्तापक्ष ने विपक्ष की नहीं मानी को विधेयक को पारित कर दिया जिस पर विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
विधेयक पर सदन में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इसको लेकर काफी गहमा गहमी हुई और विपक्ष ने बिल के खिलाफ सदन से वाकआउट किया और आज के दिन को हिमाचल के इतिहास में काला दिवस करार दिया।विपक्ष ने सरकार पर हिमाचल को कर्ज के बोझ में धकेलने के आरोप लगाए।
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधेयक पर विपक्ष के वाकआउट को गलत करार दिया और कहा कि हिमाचल प्रदेश में कर्ज लेने की शुरुआत कांग्रेस सरकार के समय ने हुई। कांग्रेस सरकार की गलतियों का भुगतान अब प्रदेश के लोगों को करना पड़ रहा है। आज जो कानून सदन में पारित हुआ है उसमें सरकार जीडीपी का 3 फीसदी की जगह इस संशोधित विधेयक के तहत 5 फीसदी ऋण लिया जा सकेगा ।उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय की गलतियों को ठीक करने के लिए ये एक्ट लाया गया है और विपकक्ष ने बिना पढ़े व बिना सुने ही एक्ट का विरोध करना शुरू कर दिया।विपकक्ष ने केवल मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए सदन से वाकआउट किया है।