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बेटे अभिषेक की याद में शिमला में घर का एक भाग ब्रह्मकुमारी मेडिटेशन केंद्र को किया दान

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एप्पल न्यूज़, शिमला

माता पिता ने नया घर बनाया तो बहुत सुंदर सपने देखे। वो थे अपने इकलौते बेटे के उज्ज्वल भविष्य के। इस घर में बेटे का परिवार का बसेगा, किलकारियां गूंजेंगी और हर ओर रौनक होगी। अपने बुढ़ापे के सहारे के साथ खुशी खुशी जीवनयापन होगा। लेकिन ये सपने सपने ही रह गए जब घर का चिराग ही बुझ गया।

घर बड़ा और रहने वाले केवल दो, ऐसे में बेहतर है इस घर मे हमेशा रौनक बनी रहे, घर की पूरी मंज़िल ब्रह्मकुमारी मेडिटेशन केंद्र के लिए ही दान कर दी। तब से लोगों का आना जाना लगा है और उन के साथ ध्यान लगाकर मन को सन्तुष्टि मिलती है।
अपने ही घर की एक मंजिल को ब्रह्मकुमारी के लिए दान करने वाली शख्सियत हैं शिमला भट्टाकुफर के राजेन्द्र राजन और उनकी पत्नी ज्योत्स्ना। जिन्होंने अपने बेटे अभिषेक शर्मा की स्मृतियों और याद में भवन का एक भाग दान कर दिया। ताकि आम जनता को आध्यात्मिक ज्ञान ध्यान के लिए सुविधा मिल सके और बेटे की आत्मा को शान्ति।

40 वर्ष की आयु में हो गया था कलाकार अभिषेक का निधन
शिमला के अभिषेक शर्मा पेशे से कलाकार, लेखक व निर्देशक थे। बीते वर्ष ही उन्होंने 2 वर्ष की कड़ी मेहनत से ‘A Man and His Shoes’ शार्ट फ़िल्म का लेखन और निर्देशन किया था। जिसे लिस्बन फ़िल्म रेंडीज़ के सेमीफाइनल में चयनित कर लिया था। हाल ही में इस फ़िल्म को आवार्ड हासिल हुआ लेकिन अभिषेक खुद इस अवार्ड को लेने के लिए मौजूद नहीं रहे।
इसके अलावा अभिषेक ने 3 बॉलीवुड फिल्मों, 50 नाटकों और 30 से ज्यादा सीरियल में भी काम कर लिया था। साथ ही रेडियो, टीवी कलाकार और थिएटर कलाकार भी रहे। जब एक वेब सीरीज की शूटिंग के लिए मुम्बई निकल रहे थे कि 7 जनवरी को उनका अकस्मात निधन हो गया।

अभिषेक घर का इकलौता चिराग था। उनके निधन से घर ही नही बल्कि हिमाचल प्रदेश ने भी एक चमकते सितारे को खो दिया जो अनन्त आकाश में कहीं खो गया।
लेकिन अब माता पिता ने उनकी याद में घर मे हमेशा लोगों का आना जाना रहे और बेटे को भी याद करते रहे, उनकी यादों को साझा करें, इसके लिए घर को ही मेडिटेशन सेंटर बना दिया।

माता ज्योत्स्ना शर्मा का कहना है कि ब्रह्मकुमारी केंद्र में ध्यान और साधना के लिए अब हमेशा लोग आते रहेगा। घर मे रौनक भी होगी और बेटे की स्मृतियों को साझा भी किया जा सकेगा। मन आत्मा को सुकून मिलेगा। सपने तो बहुत सँजोये थे लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।

उन्होंने कहा कि अभिषेक की याद में आने वाले दिनों में भी कई और सामाजिक सरोकार से जुड़े अन्य कार्यक्रम भी किये जायेंगे। जिसका लोगों को लाभ हो।
पिता राजेन्द्र राजन ने कहा कि स्वर्गीय बेटे अभिषेक शर्मा की याद में घर का एक भाग मेडिटेशन सेंटर के लिए दान दिया गया है। इसमें एक बड़ा हॉल, किचन और बाथरूम की सुविधा के साथ बनाया गया है। इसका लाभ आध्यात्मिक ध्यान साधना के लिए मिलेगा।

उनका कहना है कि बेटे के नाम पर समाज के लिए भी ये उनका छोटा सा योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि हाल में उनकी शार्ट फिल्म A Man and His Shoes को अवार्ड प्राप्त हुआ है।
गत दिनों अभिषेक मेमोरियल हाउस में बने इस भ्रह्मकुमारी मेडिटेशन सेंटर के शुभारम्भ अवसर पर बहन बीके सुनीता, रितु और पठानकोट ब्रह्मकुमारी आश्रम की अन्य बहनें और भाई मौजूद रहे।

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