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मुख्यमंत्री नहीं चाहते थे CS “अनिल खाची” को हटाना, महेंद्र सिंह के दबाव में हटाया, जय श्रीराम बोलने से नहीं बन जाते ‘हिन्दू’- विक्रमादित्य

राजा वीरभद्र सिंह थे सबसे बड़े हिन्दू, RSS- VHP भी मानता है

अन्याय होने नहीं देंगे सिर्फ निंदा करना मकसद नहीं, धरतीपुत्र का नारा देने वाले रहें शांत “हम भारत पुत्र हैं”-विक्रमादित्य

एप्पल न्यूज़, शिमला

कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने रविवार को अपने राजनीतिक विरोधियों आउट सत्तासीन भाजपा के नेताओं पर करारा हमला किया और कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध नहीं करते, यदि भाजपा सरकार केंद्र और प्रदेश में कुछ अच्छा काम करती है तो उसकी सराहना भी करता हूँ और गलत का पुरजोर विरोध भी करता हूँ। वह शिमला ग्रामीण की बढई पंचायत में पौधरोपण कार्यक्रम के बाद जनसभा में बोल रहे थे।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उनके पिता स्व राजा वीरभद्र सिंह ने पूरे हिमाचल के एक समान विकास किया। कभी ऊपर और नीचे के हिमाचल का भेद नहीं किया। वह भी उनके नक्शेकदम पर आगे बढ़ेंगे।

विक्रमादित्य ने कहा कि अभी हमने राजनीति शुरू ही की है, समय जरूर लगेगा, अच्छे बुरे दिन आयेंगे, मुश्किलें आएगी लेकिन आपका बेटा आपके साथ हमेशा खड़ा रहेगा और हर चुनौती का सामना करूँगा।

मुख्य सचिव को हटाए जाने का कड़ा विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सारा पैसा अपने क्षेत्र में लगाना चाहते थे। रोजगार में भी लड़के अपने क्षेत्र के लगा रहे हैं। आउटसोर्स की सारी नौकरियां धर्मपुर के लिए रख दी हैं। जब मुख्य सचिव ने इस मुद्दे को कैबिनेट में उठाया तो उल्टा मंत्री के दबाव में मुख्यमंत्री ने रातोंरात अनिल खाची को ही बदल दिया, जो गलत है। जबकि मुख्यमंत्री नहीं चाहते थे की अनिल खाची को हटाया जाये।

प्रदेश में 10 लाख बेरोजगार हैं और अब तक मात्र 28 हजार को ही सरकार ने नौकरियां दी उसमें भी आधी सिराज के लोगों को दी। सोचें युवाओं के साथ कैसा खिलवाड़ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक द्वेष से ट्रांसफर करने वालों के खिलाफ खड़े रहेंगे। इस तरह द्वेष और क्षेत्रवाद से सरकार नहीं चलती। प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समान विकास किया जाना चाहिए न कि केवल मंडी जिला के दो क्षेत्रों का।

शेष मंडी जिला में सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं न एयरपोर्ट बना न हेलीपैड और बाकी कोई घोषणा धरातल पर नहीं उतरी हैं। सरकार घोषणाएं 80 हजार करोड़ के निवेश की करते हैं और निवेश एक पैसे का नहीं हो रहा। अब तो भाजपा के विधायक भी अपनी ही सरकार का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को भी सुध लेनी चाहिए।

आज इस सरकार का हाल ये है कि इस गाड़ी के चार पहिए चारों दिशा में अलग अलग जा रहे हैं। ऐसे विकास नहीं हो सकता। इनके नेता एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे हैं।


राजा वीरभद्र सिंह थे सबसे बड़े हिन्दू, RSS- VHP भी मानता है

जय श्रीराम का नारा लगाने से हिन्दू हितैषी नहीं बनते। राजा वीरभद्र सिंह सबसे बड़े धर्म के रक्षक रहे जिन्होंने 2003 में धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून लाया। जो देश की पहली सरकार थी। देव समाज के सैकड़ों मंदिरों का राजा वीरभद्र सिंह ने जीर्णोद्धार किया। ताकि लोगों में देव व धार्मिक आस्था बनी रहे।
केवल ढिंढोरा पीटने से कुछ नहीं होता काम धरातल पर करना पड़ता है। आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद भी मानती है कि वीरभद्र सिंह हिन्दू थे और उनके कार्यों को युगों युगों तक याद रखा जाएगा।
विक्रमादित्य सिंह ने अपने पिता के आदर्शों पर चलने की बात करते हुए कहा कि वह शिमला ग्रामीण के लोगों के बीच राजनेता या विधायक के रूप में नहीं बल्कि बेटे और भाई के रूप में लोगों के बीच आता हूँ। यहां की हर समस्या को दूर करने का प्रयास करता रहा हूँ। उन्होंने बड़ई पंचायत की मांगों के लिए 8 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की।

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