एप्पल न्यूज़, शिमला
जेई भर्ती में अन्य राज्यों के अभ्यार्थियों को नियुक्ति देने को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्व वीरभद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में गंभीरता से निर्णय लिए होते तो आज हिमाचल के युवाओं को ये दिन नहीं देखने पड़ते।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जब तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में इंटरव्यू की व्यवस्था को खत्म किया तो वीरभद्र सरकार ने 2017 के चुनावी वर्ष में आनन-फानन में यह फैसला हिमाचल में भी लागू कर दिया। युवा वोट बैंक की लालसा में कांग्रेस सरकार ने यह फैसला लागू तो कर दिया लेकिन कुछ नियमों को सुनिश्चित करना भूल गई।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार को चाहिए था कि इंटरव्यू खत्म होने के साथ ही कुछ नए राइडर भर्तियों में लगाए जाते। जैसे पंजाब में पंजाबी भाषा है तो वहां पर टेस्ट में उम्मीदवारों के लिए पंजाबी जरूरी कर दी जाती है। अन्य राज्यों ने भी कुछ ना कुछ राइडर लगाए हैं, लेकिन पूर्व सरकार ने कोई राइडर लगाए ही नहीं।
विभाग ने पिछली सरकार में ही अपनी जरूरतें बता दी थीं। दिसंबर 2017 में भाजपा की सरकार बनी। विभाग और जनता की जरूरतों को समझते हुए छह महीने के भीतर ही भर्ती विज्ञापित कर दी गई। अब इंटरव्यू जब खत्म हो चुके थे, भर्तियों में लिखित परीक्षा और दस्तावेजों के सत्यापन से ही मैरिट तय होने लगी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल के पास अपनी कोई भाषा नहीं है इसलिए हम भाषा के आधार पर कोई राइडर नहीं लगा सकते। इस तरह के मामले पहले भी आए थे इसलिए हमारी सरकार ने नवंबर 2019 में ही नियमों में बदलाव किया था। इसमें तृतीय श्रेणी की भर्ती के लिए आवेदक का हिमाचल से 10वीं और 12वीं पास होना जरूरी किया गया था। चतुर्थ श्रेणी के लिए भी आठवीं और दसवीं हिमाचल से पास होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जिस भर्ती को लेकर विपक्षी ज्यादा सवाल कर रहे हैं, वह पुरानी अनुशंसाओं के आधार पर ही विज्ञापित हुई थी। मौजूदा प्रदेश सरकार ने तो पूर्व सरकार की गलती में सुधार किया है ताकि आगे कभी हिमाचली युवाओं के मौके कम न हों।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकारों में भी अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलती रही है। कांग्रेस के नेताओं को पूछा जाना चाहिए कि उनके राज में कितने लोगों को नौकरियां दी गईं और वह भी तब, जब हिमाचल में इंटरव्यू भी होते थे। उन्होंने कहा कि यह कहना कि लोगों को सरकार लगा रही है, यह बयान ही पूरी तरह से गलत है। यह कांग्रेस सरकार नहीं जहां सिफारिश से नियुक्ति होती है तथा जो भी नियुक्तियां हुई है, उनके लिए बाकायदा परीक्षाएं हुईं हैं।
जयराम सरकार दे रही है रिकाॅर्ड रोजगार
उद्योग मंत्री ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार युवाओं को लगातार रोजगार देने के लिए प्रयास कर रही है। भाजपा सरकार ने हिमाचल में निवेश के लिए इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया जिसमें 96 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए। हालांकि बाद में कोरोना के कारण डेढ़ साल से इस प्रक्रिया में अल्पविराम लग गया था। कोरोना के मामले कम होते ही इस कार्य में तेजी लाई गई है।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि इन्वेस्टर मीट के बाद पहली ग्राउंड ब्रेकिंग 13 हजार 500 करोड़ की हुई है। इसमें करीब 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अगले महीने 15 हजार करोड़ रुपये की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग है। इसमें भी करीब 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत युवाओं को रोजगार के लिए ऋण दिया जा रहा हैं। इसमें भी करीब 4 हजार यूनिट्स से करीब 10 से 12 हजार लोगों को रोजगार मिला है। साथ ही साथ अन्य विभागों में लगातार भर्तियां निकाली जा रही हैं।
मंत्री ने कहा कि इस साल बजट में करीब तीस हजार नौकरियां देने की बात कही गई है। अध्यापकों की भर्ती को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मल्टी टास्क वर्कर्स भी भरने को मंजूरी दी जा चुकी है। हिमाचल सरकार अब तक के इतिहास में किसी भी सरकार से ज्यादा नौकरियां लोगों को दे रही है। कांग्रेस को चाहिए कि अपने कार्यकाल के समय में लोगों को रोजगार देने के आंकड़े लोगों के सामने रखे।