एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने वेतन विसंगतियों और महासंघ को लेकर सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने नियमो के विपरीत अपने चहेतों को महासंघ में बिठाया है जिससे कर्मचारी और सरकार की दूरियां बढ़ी हैं।
वहीं महासंघ ने सरकार पर कर्मचारियों को भत्ते नही देने के भी आरोप लगाए हैं।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने आज पत्रकार वार्ता के दौरान सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा कि कर्मचारियों में संतोष का भाव नही है और प्रदेश ठीक ढंग से चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महासंघ इस बयान का स्वागत करता है परंतु मुख़्यमंत्री ने यह समझने का प्रयास नहीं किया की विश्वास डगमगाया क्यों है।
उन्होंने कहा कि कई मर्तबा उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष मुद्दे भी उठाए की इनमें बदलाव करने की आवश्यकता है परंतु उन्हें ठीक करने की बजाय महासंघ में अपने कुछ चहेतों को बिठाकर कर्मचारियों और सरकार के बीच दूरियां पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई मुख्यमंत्री रहे हैं परंतु कभी भी उनके द्वारा महासंघ के नियमों के विपरीत कार्य नहीं किए गए।
महासंघ के नियमों के अनुसार संघ में चुने हुए प्रतिनिधि आते हैं जबकि 1979 कि नियमों को दरकिनार कर कुछ अपने क्षेत्र के लोगों को बिठाकर महासंघ की स्थिरता को समाप्त कर दिया गया है जिससे उसकी महत्वता खत्म हो गई है।
वहीं उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का एरियर देने में सरकार क्यों देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि स्पेशल कैटिगराइज स्टेट होने के नाते केंद्र से भी प्रदेश को बड़ी मदद मिलती है जिससे कर्मचारियों के भत्ते देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 16 वर्ष से हाउस रेंट भी रिवाइज नही हुआ डी ए नही दिया गया साथ ही जो 2016 से 2021 तक सेवानिवृत हुए है उनकी भी देनदारियों क्लियर नही हुई है।इन सब मुद्दों के कारण सरकार ने अविश्वास पैदा किया है।