IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

“केसर” की खेती के लिए किन्नौर का सांगला क्षेत्र है बेहद उपयुक्त 

केसर उत्पादन की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का किया आयोजन 

एप्पल न्यूज़, सांगला

जिला किन्नौर के सांगला स्थित जीरा फार्म में केसर उत्पादन की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर व कृषि विभाग किन्नौर के सहयोग से करवाया जिसमें क्षेत्र के लगभग 65 किसानों ने भाग लिया। 

इस अवसर पर सीएसआईआर-आईएचबीटी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ राकेश राणा ने बताया कि जिला किन्नौर का सांगला क्षेत्र केसर की खेती के लिए बिलकुल उपयुक्त है क्योंकि इसके लिए ज्यादा बारिश की आवश्यकता नहीं होती। केसर में औषधीय गुण होते हैं जोकि गर्भवती महिला, दूध वाले पदार्थ, कपड़ों की डाई आदि में होता है।

उन्होंने बताया कि देश में केसर की माँग लगभग 100 टन है बल्कि पैदावार लगभग 6-8 टन ही हो रही है। इसकी पैदावार केवल कश्मीर में होती है बाक़ी सारा विदेशों से आयात किया जाता है इसलिए इसकी खेती को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि केसर की बिजाई से एक माह पहले खेत को तैयार करना होता है और इसमें देसी खाद का उपयोग ज्यादा बेहतर परिणाम देता है। 

राकेश राणा ने बताया कि केसर के पौधों में लगभग 15 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिये और गहराई भी 12 से 15 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि सितम्बर माह में इसकी बिजाई होती है और अक्तूबर माह में फूल खिलने शुरू हो जाते हैं। जैसे ही फूल खिल जाये उसे तोड़कर सुखाना होता है और डब्बी में बंद करके रखना होता है ताकि उसकी नमी ख़राब न हो।

केसर का बीज उत्पादन भी एक अच्छा विकल्प है और यह बाजार में 400-500 रुपए किलो बिकता है। केसर का अच्छा उत्पादन देश में होने से अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। 

इसके अतिरिक्त उन्होंने सुगंधित फसलों के बारे में भी किसानों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुगंधित फसलों से तेल निकाला जाता है जो काफी सारी चीजों में इस्तेमाल होता है और इसका कारोबार देश में हर वर्ष 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज कर रहा है।

इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी डॉ ओ पी बंसल ने कहा कि जिला में प्रकृति का भंडार है और यहाँ खेती से किसानों की आय में कई गुणा बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिला के सांगला, निचार और कल्पा में सितंबर 2022 में लगभग 10 क्विंटल बीज वितरित किया गया। 

उन्होंने बताया कि जिला के किसानों के लिए कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा कृषि यंत्र पर अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सोलर फेंसिंग पर 70 प्रतिशत और पॉली हाउस लगाने के लिए 85 प्रतिशत अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है।

उन्होंने किसानों से विभागीय योजनाओं का पूर्ण लाभ लेने और स्थानीय फसलों जैसे राजमाह आदि की पैदावार को बढ़ावा देने का आग्रह किया। 

कृषि विकास अधिकारी अमित ने बताया कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री खेतीहर मजदूर योजना के तहत खेत में काम करते हुए चोट लग जाने या मृत्यु हो जाने पर मुआवजा दिया जाता है जिसमें मौत हो जाने की स्थिति में 2 लाख रुपए और चोट लगने पर कम से कम 10 हजार रुपए दिए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि मुआवजा लेने के लिए तहसीलदार के पास दस्तावेज के साथ आवेदन करना होता है। इसके अतिरिक्त विभाग के माध्यम से ब्रश कटर, पावर वीडर और सोलर फेंसिंग लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन अप्लाई करना होता है।

Share from A4appleNews:

Next Post

3 माह के लिए निःशुल्क होगा ऑनलाइन आधार अपडेशन

Wed Mar 15 , 2023
एप्पल न्यूज़, शिमला प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा आधार दस्तावेज को ऑनलाइन अद्यतन (अपडेट) करने संबंधी सेवा तीन माह के लिए निःशुल्क की गई है।उन्होंने कहा कि विगत आठ से 10 वर्षों के अंतराल में जिन नागरिकों ने अपना आधार नवीनीकरण […]

You May Like