एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने वॉटर सेस अधिनियम को खारिज करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।
राज्य सरकार की ओर से बनाए गए इस अधिनियम के विरोध में 40 विद्युत कंपनियां कोर्ट पहुंच गई थी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब राज्य सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना को रद्द माना जाएगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश मानिकतला ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय कि डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
इस डिवीजन बेंच में न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य शामिल थे।
इस खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से बनाया गया यह अधिनियम बनाना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता।
राज्य सरकार की ओर से तैयार किए गए इस अधिनियम को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पास इस तरह का कानून बनाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। इस तरह हिमाचल सरकार की तरफ से जारी वॉटर सेस की अधिसूचना रद्द मानी जाएगी।