एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के ऊपर मंडरा रहे संकट के बादलों को साया छंटेगा या और गहरा जाएगा, इस का फैसला सुप्रीम कोर्ट के बागियों को लेकर होने वाली सुनवाई पर टिका है।
राज्यसभा के लिए क्रॉस वोटिंग करने वाले और बजट सत्र में व्हिप के उल्लंघन में कुर्सी गंवा चुके कांग्रेस के 6 विधायकों के भाग्य को फैसला भी आज हो सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया के दमदार फैसले से अयोग्य घोषित हुए इन 6 बागियों ने सीधा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है। जिसकी आज सुनवाई होगी।
अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि इन्हें अयोग्य ठहराया जाना सही था या ग़लत। यदि इन्हें अयोग्य ठहराया गया तो, इनकी सदस्यता गई और तय है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही हिमाचल सरकार में इन 6 सीटों के लिए भी उपचुनाव होगा।
यदि सदस्यता बहाल होती है तो फिर ये सुक्खू सरकार के लिए संकटकाल होगा। क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस की जीती कुल 40 सीटों में से इनके अयोग्य होने। से 34 सीटें बची है वहीं 3 निर्दलीय विधायक भी बागी हैं।
उधr भाजपा के पास कुल 25 सीटें होने के बावजूद अब 6 बागी और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलकर 34 सीटें हो जाती है। यदि फ्लोर टेस्ट हुआ तो फिर राज्यसभा की तरह ही टॉस को स्थिति में सरकार गिर भी सकती है। यदि एक भी कांग्रेस विधायक ने फिर से क्रॉस वोट किया तो सुक्खू सरकार का जाना तय है।
ऐसे में अब सबकी निगाहें आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है। जिससे कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों कि भावी रणनीति और राजनीति का भी फैसला होगा।