एप्पल न्यूज, शिमला
मौसम की मार से कोटखाई में हुई भारी “ओलावृष्टि” ने बागवानों की कमर तोड कर रख दी है। ओलावृष्टि का कहर इस कद्र पड़ा कि “एंटी हेल गन” भी फेल हो गई और एंटी हेल गन पर भी जमकर ओले पड़े।
जानकारी के अनुसार मौसम के करवट बदलते ही मंगलवार दोपहर बाद कोटखाई के बड़े क्षेत्र में काले बादलों से ओलावृष्टि हुई। देखते ही देखते सेब बहुल इस क्षेत्र के बागवानों की साल भर की फसल पर कहर बरपाना शुरू हुआ।

ओलावृष्टि ऐसे समय में हुई जब फ्लावरिंग पूरे यौवन पर थी। बागवान अभी एंटी हेल नेट लगाना शुरू ही कर रहे थे कि ओलावृष्टि ने फूलों के साथ ही पेड़ों को भी तहस नहस कर दिया।
कई बागवानों के बागीचों की ऐसी स्थिति हो गई कि 80 से 90 प्रतिशत फसल तबाह हो गई है। ओले की मार से पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर गया। उम्मीद नहीं कि आने वाले साल में भी फेल हो।

बागवान इस पसोपेश में थे कि नेट लगाएं या नहीं क्योंकि नेट लगाते ही भी पड़ी तो भी अब तबाह और नेट न लगाए तो ओले से तबाह। यानी दोनो स्थिति में नुकसान सीधा तौर पर बागवानों को ही झेलना पड़ा है।
स्थिति तो उस समय विकट हो गई जब अत्याधुनिक एंटी हेल गन पर जमकर ओले पड़ा। गन भी फेल हो गई और बागवानो के काम न आई।
अब बागवान जाएं तो जाएं कहां। जो कुछ बचा है उसी के शेयर हैं। बीमा से भी कितनी राहत मिलेगी।