एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में यूक्रेन में फँसे हिमाचली बच्चों का मामला गुंजा। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने यूक्रेन में फँसे हिमाचल के बच्चों को सुरक्षित लाने का मामला उठाया।
मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि यूक्रेन में हिमाचल के कितने बच्चे फंसे हुए हुए। उन्होंने कहा कि हवाई सफर निज़ी कंपनियों के हाथ के चलते महँगे कर दिए गए है। सरकार उनको अपने खर्चे पर सुरक्षित लाने के लिए क्या कर रही है?
इस पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सदन में जानकारी दी कि यूक्रेन में विद्यार्थी व अन्य लोग हिमाचल के भी फँसे हुए है। देशभर के 20 हज़ार विद्यार्थी यूक्रेन में फँसे हुए है।
हिमाचल के बच्चे भी वहाँ फँसे हुए है। उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता है। केन्द्र को लिखा है कि जब तक बच्चे यूक्रेन में है उनकी सुरक्षित जगह रखा जाए और उनको सुरक्षित वापिस लाया जा सके। पीएम ने भी रूस के राष्ट्रपति से बच्चों की सुरक्षा की लेकर बात की है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया हिमाचल की कितने बच्चे वहाँ फँसे है उसकी सही जानकारी नही है। यह संख्या 100 से ज़्यादा ही सकती है।
हिमाचल सरकार ने 1100 हेल्पलाइन में ऐसे बच्चों की जानकारी मांगी गई है। जिसमें 60 लोगों ने संपर्क किया है। बच्चों के लिए जो भी जरूरत होगी उनको सुरक्षित लाने के लिए हिमाचल सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
यूक्रेन में फंसे हिमाचल के कई छात्र, माता पिता प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से जल्द वापिस लाने की लगा रहे गुहार
यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुए युद्ध मे हिमाचल से 200 से अधिक बच्चे फसे हुए हैं जिसमे से कुनाल जो कि शिमला के घणाटी का रहने वाला है।
एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया हुआ यूक्रेन गया था। 26 फरवरी को कुनाल ने भारत आना था लेकिन यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद अब वह वहां फंस चुके है।
माता पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनका बेटा वहां फंस चुका है और वहां से आने का कोई प्रबंध नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि वहाँ पर दहशत का माहौल बना हुआ है आज एटीएम भी बंद हो गए है।
कुनाल के माता पिता ने बताया कि कुनाल के विश्वविधालय में हिमाचल के 200 से अधिक छात्र पढ़ रहे है जो कि वहां मुसीबत में है। हमारी प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार से गुजारिश है कि वह जल्द से जल्द बच्चों की वापसी का कोई प्रबंध करें।