एप्पल न्यूज, धर्मशाला
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्य में कर्मचारियों के भर्ती व पदोन्नति नियमों में बदलाव संबंधी विधेयक सदन में पेश कर दिया है।
कोर्ट के आदेशों के बाद वरिष्ठता सूची में संशोधन की प्रतीक्षा कर रहे हिमाचल के हजारों अनुबंध कर्मचारियों को अब जॉइनिंग की तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य अनुबंध कर्मचारियों की वरिष्ठता और वित्तीय लाभ संबंधी नियमों को पुनर्परिभाषित करना है।
इसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- अनुबंध कर्मचारियों की वरिष्ठता
अब अनुबंध कर्मचारियों की वरिष्ठता उनकी नियमित तिथि से तय होगी, न कि उनकी जॉइनिंग की तिथि से। - आर्थिक दबाव कम करना
अदालत के आदेशों के अनुसार, अनुबंध कर्मचारियों को जॉइनिंग से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ देने पर राजकोष पर करोड़ों का अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना थी। इसे रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। - नियमों में बदलाव की आवश्यकता
अदालत के आदेशों के बाद वरिष्ठता सूची में संशोधन करना जरूरी हो गया था। यह प्रक्रिया समय और संसाधनों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण थी, इसलिए इसे स्थायी रूप से हल करने के लिए कानून बनाया जा रहा है। - 21 वर्षों से अनुबंध प्रणाली
राज्य में पिछले 21 वर्षों से अनुबंध पर कर्मचारी नियुक्त किए जा रहे हैं। इनकी सेवा शर्तें उनके अनुबंध में निर्दिष्ट होती हैं। अब नए विधेयक के तहत इन्हीं शर्तों के आधार पर उनके लाभ निर्धारित किए जाएंगे - विधेयक का उद्देश्य
अनुबंध कर्मचारियों को लेकर चल रही कानूनी और प्रशासनिक उलझनों को सुलझाना।
राज्य की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए अनुबंध कर्मचारियों की सेवा शर्तों को स्पष्ट और व्यवहारिक बनाना।
अगले कदम:
विधेयक पर चर्चा और मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। इससे राज्य में कर्मचारियों की भर्ती और पदोन्नति प्रक्रिया अधिक संरचित और स्थिर हो जाएगी।
यह निर्णय निश्चित रूप से अनुबंध कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण होगा, लेकिन यह भी देखा जाएगा कि इससे उनके अधिकार और भविष्य की संभावनाएं किस तरह प्रभावित होती हैं।