एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष विनय कुमार ने संगठन को नई दिशा देने के लिए बड़ी रणनीतिक बदलाव की शुरुआत कर दी है। पारंपरिक तौर पर सीधे प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के बजाय वह पहले ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूत करने की योजना पर काम करेंगे।
लंबे अरसे से कई क्षेत्रों में खाली पड़े ब्लॉक अध्यक्ष पदों पर नियुक्तियां जल्द की जाएंगी, और इसके बाद ही प्रदेश पदाधिकारियों की घोषणा होगी।
‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत में विनय कुमार ने स्पष्ट किया कि संगठन की मजबूती उनका पहला लक्ष्य है और इसी कारण निचले स्तर से शीर्ष स्तर तक संगठन खड़ा करने का अभियान शुरू किया गया है।

उनका मानना है कि “बिना मजबूत संगठन के कोई भी चुनावी चुनौती नहीं जीती जा सकती”—और इसलिए 2027 विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अभी से ज़मीनी तैयारी शुरू कर दी है।
संगठन सृजन अभियान पर फोकस
विनय कुमार की रणनीति का केंद्र संगठन सृजन अभियान है, जिसके तहत
पहले ब्लॉक अध्यक्ष
उसके बाद जिला अध्यक्ष
और अंतिम चरण में प्रदेश कार्यकारिणी का गठन
किया जाएगा। बताया जा रहा है कि जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां दिसंबर के अंत तक या जनवरी के प्रारंभ में हो सकती हैं।
इस क्रमिक मॉडल के पीछे मकसद पार्टी के टियर-2 और टियर-3 नेतृत्व को पहले खड़ा करना और फिर शीर्ष संगठन को मजबूत आधार देना है। इससे प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा किसी भी असंतुलन या गुटबाजी के बिना की जा सकेगी।
राजनीतिक कार्यक्रमों को भी मिलेगी गति
संगठनात्मक ढांचे को पुनर्गठित करने के साथ-साथ कांग्रेस राजनीतिक गतिविधियों को भी तेज करने जा रही है।
आगामी दिनों में—
मंडी में तीन साला कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसके लिए भारी भीड़ जुटाने और प्रबंधों को लेकर सरकार और संगठन के बीच समन्वय किया जा रहा है।
इसी माह दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अभियान “वोट चोर, गद्दी छोड़” के तहत बड़ा कार्यक्रम प्रस्तावित है, जिसमें हिमाचल कांग्रेस की भागीदारी बढ़ाने की तैयारियाँ चल रही हैं।
चुनावी तैयारी की दिशा में बड़ा कदम
विनय कुमार की रणनीति इस ओर संकेत देती है कि कांग्रेस 2027 विधानसभा चुनावों को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। पिछली बार के राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए पार्टी गुटबाज़ी कम करने, कार्यकर्ताओं को महत्व देने और ज़मीनी स्तर पर पकड़ मजबूत करने की कवायद में जुट गई है।
नई नियुक्तियों से पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को भी अवसर मिलने की उम्मीद है जो वर्षों से संगठन में सक्रिय हैं लेकिन ओहदा नहीं मिल पा रहा था।






