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भाजपा हिमाचल द्वारा प्रदेश सरकार को दिया गया पत्र, अन्य राज्यों को दी हिमाचल मॉडल अपनाने की सलाह

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश की सरकार जो जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही है, द्वारा कोरोना महामारी के नियंत्रण हेतु किए गए प्रयासों की भाजपा सराहना करती है।
भाजपा हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश के पदाधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त की तदानुसार 20 मार्च, 2020 से लेकर 5 मई 2020 तक कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने अनेकानेक कारगर कदम उठाए जिसमें जनता कर्फ्यू की सफलता के पश्चात प्रदेश में कर्फ्यू लगाते हुए सम्पूर्ण आवागमन को बंद करना, कर्फ्यू के दौरान रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं को पूरे प्रदेश उपलब्ध कराना, ये सफलता के महत्वपूर्ण बिन्दू हैं।

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प्रदेश में प्रदेशवासी व बाहर से आए हुए सैलानी, प्रवासी मजदूर व अन्य सभी की निरंतर चिंता करते हुए उनके स्वास्थ्य की रक्षा करने में सरकार पूरी तरह सफल हुई है।
कोरोना वायरस नया वायरस है। वह किस-किस रास्ते से प्रवेश कर सकता है, इसकी सम्पूर्ण जानकारी न होने के बावजूद व इस बीमारी का ईलाज भी न होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के सक्षम प्रयासों से लगातार रोगी परीक्षण चलता रहा। 45 लोग पोजीटिव आए जिसमें एक व्यक्ति की पूर्व में मृत्यु हुई व पिछले कल एक अन्य मृत्यु हुई। शेष सभी लोग स्वस्थ होकर घरों को वापिस गए या जा रहे हैं, यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। कोविड के ईलाज के लिए अनेक स्थानों पर अस्पतालों को समर्पित किया गया। कोविड क्वारंटाईन के लिए हजारों लोगों की व्यवस्था की गई। डॉक्टर्स, पैरामैडिकल, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी आदि की सुरक्षा के लिए सम्पूर्ण सामान उपलब्ध कराया गया। पूरे प्रदेश में सैनिटाईजेशन की व्यवस्था की गई एवं नागरिकों को कोरोना से बचने के लिए जागरूक किया गया।
हिमाचल प्रदेश, देश का पहला एक मात्र प्रदेश बना जिसने सम्पूर्ण आबादी को मैन टू मैन मार्क (।बजपअम ब्ेंम थ्पदकपदह) करके उनकी पहचान कर उसमें जो भी लोग शंका के घेरे में आए, उन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इस प्रकार देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार को शाबाशी दी गई व अन्य राज्यों को हिमाचल मॉडल अपनाने की सलाह दी गई।
भाजपा यह विश्वास से कह रही है कि लॉकडाऊन 1.0 व लॉकडाऊन 2.0 दोनों में हिमाचल प्रदेश के सामान्य जनमानस की बेहतर चिंता हुई है। वैश्विक महामारी ने सारी दुनिया के प्रबल राष्ट्रों की कमर तोड़कर रख दी परन्तु भारत श्री नरेन्द्र मोदी जी की नेतृत्व क्षमता के कारण काफी हद तक सुरक्षित दिखाई देता है। 130 करोड़ लोगों का यह देश अलग-अलग जाति, पंत, संप्रदाय, भाषा, प्रांत, खान-पान का यह देश जहां किसी भी प्दमिबजपवने कपेमेंम के फैलने के लिए सर्वाधिक संभावनाएं हो सकती हैं, उस देश में कोरोना को नियंत्रण में रखना केवल नरेन्द्र मोदी जी की क्षमता एवं देशवासियों द्वारा किए गए अनुशासन के परिणामस्वरूप ही संभव हो पाया। ॅभ्व्ए न्छव् सभी ने भारत के प्रयासों की सराहना की।
भारत न केवल भारतवासियों के साथ खड़ा रहा अपितु विश्व बंधुत्व की मिसाल बन गया। देश के गरीब, किसान, मजदूर, अभावग्रस्त व्यक्ति के लिए मोदी सरकार ने भरपूर सहयोग प्रदान किया। भारत में स्पुनपकपजल की च्तवइसमउ न हो, इसके लिए भी 150 लाख करोड़ रू0 रिजर्व बैंक द्वारा जारी कराए गए। किसान सम्मान निधि, जनधन खातों में धन का डालना, बी0पी0एल0 के लिए निःशुल्क राशन व गरीबों को निःशुल्क रसोई गैस उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण निर्णय है। कोरोना वारियर्स का सम्मान करते हुए देश का मनोबल बढ़ाकर रखना अत्यंत श्रेष्ठ कार्य रहा।
लॉकडाऊन 3.0 शुरू होने से पूर्व हिमाचल प्रदेश सरकार ने मनरेगा गतिविधियां, ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियां शुरू करके गरीब को राहत प्रदान की। उद्योग को दोबारा शुरू करने के निर्णय, भवन निर्माण शुरू करने के निर्णय से मजदूर एवं आमजन को लाभ पहुंचा। किसान-बागवान की सभी गतिविधियों को हर प्रकार की सहुलियत उपलब्ध कराने के विषय अत्यंत सराहनीय है।
असंगठित क्षेत्र के कामगार मजदूरों को 4000 रू0 प्रति मजदूर उपलब्ध करा कर 20 करोड़ की राहत प्रदान की है। प्रदेश का पर्यटन उद्योग जिन्दा रहे व औद्योगिक कार्यों को राहत प्रदान करने के निर्णय जीवन को पटरी पर लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
प्रदेश से बाहर फंसे हुए हिमाचलियों का दर्द सभी ने अनुभव किया। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के कारण देश के अनेक स्थानों से विद्यार्थी एवं मजदूरों को लाने का क्रम लगातार जारी है। उनके स्वास्थ्य की जांच करते हुए ’निगाह योजना’ के तहत उन पर नजर रखना ताकि रोग के फैलाव को रोका जा सके। यह कार्य भी बेहतरीन तरीके से जारी है।
प्रदेश के प्रशासन, पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य कर्मी, स्वच्छता कर्मी, बिजली, पानी, बैंक, पोस्ट ऑफिस व मीडिया आदि की सेवाएं देने वाले कर्मियों को बार-बार धन्यवाद देते हुए भाजपा इन कोरोना वारियर्स का आभार व्यक्त करती है।
भाजपा यह महसूस करती है कि कोरोना महामारी का यह दौर अभी लम्बा चलेगा। इस महामारी, कर्फ्यू व इसके कारण की गई व्यवस्थाओं के कारण प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भारी नुकसान पहुंचा है। हर रोज कमा कर खाने वाला व्यक्ति वह चाहे मजदूर, किसान, ठेले वाला, फड़ी वाला, छोटा दुकानदार, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक, ड्राईवर, क्लीनर, ठेकेदार के पास काम करने वाला कामगार, चर्मकार, शिल्पकार, टूरिज्म से जुड़े लोग इन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
उद्योग-धंधे, होटल, ढाबे, स्कूल, कॉलेज, विकास कार्य सभी स्टैण्ड, स्टिल पर आ गए हैं। इसलिए आज प्रदेश के सामने चुनौती है कि प्रदेश के इन लोगों के जीवन को दोबारा कैसे पटरी पर लाया जाए, इस दिशा में सरकार को गंभीर कदम उठाने पडें़गे। इसके लिए भाजपा हिमाचल प्रदेश ने वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से प्रदेश के सभी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों, मण्डल अध्यक्षों व 2017 के सभी प्रत्याशियों के सुझाव एकत्रित किए और अब भारतीय जनता पार्टी इन सभी सुझावों को प्रदेश सरकार के समक्ष विचार हेतु प्रस्तुत करती है ।

  1. किसान व बागवान प्रदेश की रीढ़ की हड्डी हैं, उन्हें बल देने के लिए :-
    ऽ फूलों की खेती पूरी तरह तबाह हो गई। उन्हें खरीदने वाला कोई न था और अगले 6 माह तक भी समारोह नहीं होंगे व ग्राहक नहीं होंगे। उनके लिए सरकार योजना बनाए।
    ऽ स्ट्रॉबेरी पैदा करने वाले किसानों का माल खेतों में ही सड़ गया या आधे-अधूरे दामों पर बिका, उनके लिए सरकार चिंता करें।
    ऽ चैरी, प्लम, खुरमानी, आडू, नाशपाती की फसल आने वाली है, उसके दाम ठीक मिले, पैकिंगे ग्रेडिंग एवं मार्किटिंग के लिए सरकार सम्पूर्ण व्यवस्था करे।
    ऽ सेब की फसल के लिए आज से ही पूरी तैयारी की जानी चाहिए। ग्रेडिंग, पैकिंग एवं मार्किटिंग के लिए जमीनी स्तर पर, युद्ध स्तर पर कार्य किया जाना जरूरी है।
    ऽ सेब और टमाटर ने हमारे हिमाचल को नाम दिया है (हिमाचल ऐप्पल) आने वाले दिनो में जब यह फसल तैयार होगी तक बागवानों को बाहर की मंडियों में ले जाने के लिए कोरोना महामारी की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए हमारे हिमाचल प्रदेश में जो ए0पी0एम0सी0 मार्किट यार्ड है उसमें आज से ही व्यवस्था करनी चाहिए कि वह भारत वर्ष से आने वाले खरीददारों से अभी से सम्पर्क करें और कोई गाईडलाईन तय करे और जब भी वह हिमाचल प्रदेश आए उनका कोविड-19 टेस्ट हिमाचल प्रदेश सरकार करवाए। क्योंकि पूरे भारतवर्ष से सेब खरीदने के लिए अलग-2 राज्य से सेब खरीददारी करने के लिए लोग यहां आते है। यह काम एपीएमसी विभाग को समय से पहले कर लेना चाहिए जिससे कि हमारे किसानो बागवानो को अपनी नकदी फसल बेचने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
    ऽ आम, लीची व सिटरस फल को खरीदने का इंतजाम हमें करना होगा।
    ऽ मटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से भी व मार्किट न मिलने से भी इन किसानों की भी चिंता करनी होगी।
    ऽ टमाटर की फसल जून-जुलाई से अक्तूबर तक चलेगी। दूर दराज तक ऑफ सिजन टमाटर, शिमला मिर्च, फूलगोभी एवं पत्ता गोभी पहुंचाने का पूर्ण इंतजाम करना होगा ताकि किसान को उसकी नकदी फसलों का सही दाम मिले।
    ऽ सभी प्रकार के किसानों एवं बागवानों के लिए बीज, खाद, उपकरणों आदि में विशेष छूट प्रदान करते हुए अगली फसलों की सम्पूर्ण व्यवस्था की चिंता जमीनी स्तर पर करनी होगी।
    ऽ ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई की तुरन्त चिंता करनी होगी।
    ऽ लॉकडाउन के समय लोगों का रूझान खेतीबाड़ी की तरफ बढ़ा है। अतः छोटी-2 सिंचाई योजनाएं बनाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।
    ऽ हिमाचल प्रदेश में फसलें, फल व सब्जियां जो अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं, उन्हें सी0ए0 स्टोर में रखना चाहिए और जब इनके उचित दाम सब्जी मंडियों में मिलें तब इनको सब्जी मंडियों में उचित दामों पर बेचना चाहिए ताकि किसानो को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके।
    ऽ किसानो-बागवानो को ब्याज में उपदान देकर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाए।
    ऽ हिमाचल प्रदेश में पैदा होने वाले टमाटर, शिमला मिर्च, ब्रॉक्ली व फलों की ग्रेडिंग और पैकिंग के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इन्हें ब्राण्ड नेम के साथ बाजार में उतारा जाना चाहिए। जैसे कि किन्नौर ऐप्पल, लाहौली ऐप्पल, सोलन टमाटर, राजगढ़ पीच व अन्य फल।
    हिमाचल प्रदेश का मजदूर कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उस मजदूर को पुनः स्थापित करने के लिए निम्न यत्न करने होंगे :-
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों को लगातार काम मिलता रहे व साथ ही साथ उन्हें धनराशि मिलती रहे, यह आवश्यक है। ग्राम पंचायत में यदि ैमसि नहीं भी हैं व मजदूर के मैन डैज पूरे हो गए हैं तो भी वहां कार्य चलता रहे। मजदूर की दिहाड़ी बढ़ाई गई है, वह उत्तम कदम है, इसे और बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। नगरीय क्षेत्र में मनरेगा का शुरू करना जयराम सरकार की उपलब्धि है। इसकी सफलता के अनुसार इसका दायरा बढ़ाने की जरूरत होगी व दिहाड़ी पर भी विचार करना होगा।
  3. हिमाचल प्रदेश में जितने भी छोटे व बड़े कार्य निर्माणाधीन हैं उन्हें तुरंत शुरू करना चाहिए ताकि सभी प्रकार के मजदूरों को काम मिल सके और वह अपने परिवार का जीवन यापन कर सके।
  4. प्रवासी मजदूर जो कि हिमाचल प्रदेश में कार्य कर रहे हैं यदि आवश्यक न हो तो उन्हें अब वापिस जाने की अनुमति न दी जाए इससे हमारे निर्माण कार्य एवं किसान बागवानों को आने वाले दिनों में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, यदि वो वापिस अपने प्रदेशों में जाते है, क्योंकि आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश में मजदूरों की कमी अवश्य होगी।
  5. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगार जो ठेकेदारों के पास काम करते हैं उनको पिछले 2 माह की राशि मिल जाए, यह सुनिश्चित करना होगा व उन्हें पुनः कार्य मिले यह भी सुनिश्चित करना होगा, क्योंकि सभी उद्योग सभी भवन एवं सड़क निर्माण कार्य उतनी गति से शुरू हो, इसमें समय लगेगा। अतः उस कामगार को काम उपलब्ध करना अत्यंत लाजमी है।
  6. पर्यटन कार्य में लगे हुए मजदूर स्किल्ड व अनस्किल्ड वर्कर्स की समस्या अत्यंत गंभीर है। उन्हें पिछले दो महीने में कार्य नहीं मिला है व आगे 6 महीने में भी कार्य मिलने की संभावना कम है। उसके लिए स्थान व गुणों के अनुसार सूचीबद्ध करके उनको कार्य उपलब्ध कराना होगा। जब तक पर्यटन पुनः शुरू नहीं हो जाता इनके लिए कोई इन्सेंटिव भी दिया जा सकता है।
    विशेष :- उक्त सभी कामगारों के लिए कार्य योजना बनानी होगी।
     ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण योजनाएं, छोटे-बड़े रास्तों का निर्माण, जंगलात के माध्यम से प्लांटेशन के लिए बड़ी मात्रा में गड्ढों का निर्माण, पौधों के संरक्षण के लिए तार बाड़ का लगाना, फॉरेस्ट की नर्सरी लगाना जैसे काम खोले जा सकते हैं।
     पर्यटन की दृष्टि से ट्रेकिंग रूट्स का निर्माण किया जा सकता है। ऐसे रास्ते हर जिला में, हर मण्डल में बनाए जा सकते हैं। जहां टूरिज्म की साईट विकसित की जा सकती है।
     टूरिस्ट ट्रेकिंग के कोर्स शुरू करके कुछ प्दबमदजपअम देते हुए एक वर्क फोर्स तैयार की जा सकती है।
     बांस का, चमड़े का, पत्थर का, मिट्टी का काम करने वाले व अन्य कारीगरों के लिए विशेष योजना बना कर सरकार उनका माल बिकवाने की पूर्ण व्यवस्था करें।
     खड्डियों पर काम करने वालों को प्रोत्साहन देते हुए कच्चा माल देना व तैयार माल बिकवाना, इस कार्य को करना होगा।
     शहरी क्षेत्र में स्किल्ड वर्कर्स के लिए अलग व अन स्किल्ड वर्कर्स के लिए अलग व्यवस्था करनी होगी।
     उद्योगों में कार्य करने वालों की संख्या बढ़े इसके लिए उद्योगों को राहत देनी पड़ेगी। उनको सुविधाएं देनी होगी व हिमाचलियों को रोजगार देने के लिए प्रेरित करना होगा।
     पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आज से ही कार्य योजना तैयार करके पूरे हिमाचल प्रदेश में नई टूरिज्म साईटस को विकसित करने का कार्य शुरू करना होगा।
     इन्टर नेशन टूरिज्म को अगले 5 साल भारी धक्का लगने वाला है। अमेरिका, यूरोप, दुबई, सिंगापुर जाने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने का बेहतरीन समय है। 6 महीने की तैयारी के बाद हिमाचल बैस्ट डेस्टीनेशन बन सकता है। प्रदेश के बेरोजगारों को इस दिशा में प्रशिक्षण देकर मदद करके खड़ा करना होगा। कम लागत के स्थान तैयार करने होंगे। पर्यटन दोबारा से हमारे आर्थिकी का साधन बनेगा।
    उद्योगों को मजबूत करने के लिए हमें चंद काम करने होंगे :-
  7. विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए तुरंत विभिन्न देशों के राजनायकों को पत्र लिखना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश हो सके। जैसा हम जानते हैं कि वर्तमान स्थिति में चीन से कई मल्टी नेशनल कम्पनीज अपना व्यापार बाहर के देशों में स्थापित करना चाहती हैं। इसलिए इस अवसर का लाभ उठाकर हमें बड़े उद्योगों को हिमाचल प्रदेश में लाने का प्रयास करना चाहिए। हम वातावरण व कोरोना से सुरक्षित होने का दावा कर सकते हैं।
  8. लघु एवं मंझोले उद्योगो के उत्थान के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार को कोई न कोई राहत पैकेज, छूट के रूप में देना चाहिए।
  9. हिमाचल प्रदेश में जो उद्योग काफी समय से लंबित पड़े हैं उनकी पहचान करके उन्हें तुरंत शुरू करना चाहिए। जैसे चम्बा में लगने वाला सीमेंट प्लांट, बल्ह में बनने वाला इंटरनेशनल ऐयरपोर्ट आदि-आदि।
  10. उद्योगों को बिजली के दामों में रियायत देकर आकर्षित करना होगा।
  11. उद्योगों को भूमि उपलब्ध करवानी होगी जो पूरी तरह विकसित हो, झंझट से दूर हो, जहां बिजली, पानी, सीवरेज, सड़क की सम्पूर्ण सुविधा हो और उद्योगों में हिमाचलियों को रोजगार मिले, यह सुनिश्चित करना होगा।
  12. जिन उद्योगों के मालिक और उनके कर्मचारी चंडीगढ़, पंचकूला व मोहली में रहते हैं उन्हें बद्दी व नालागढ़, कालाआम, पांवटा, मैहतपुर आने-जाने की अनुमति दी जाए।
  13. जो कर्मचारी व कामगार अपने घरों को चले गए हैं उनको बुलाया जाना चाहिए। उनके रहने की व्यवस्था फैक्ट्री के मालिक को करनी पड़ेगी।
  14. बी0बी0एन0डी0ए0 में लोकल बसें शुरू करनी चाहिए। चाहे वे बसें कम्पनी की या सरकार की हो।
  15. उद्योग खुलेंगे तो पर्यटन भी बढ़ेगा। मा0 मुख्यमंत्री जी के सराहनीय प्रयास से कोरोना को रोकने में सफलता पाई है। पर्यटन विभाग विज्ञापन के माध्यम द्वारा बता सकता है कि हिमाचल कोरोना मुक्त है और पर्यटन विभाग अपनी देने वाली सुविधाएं बताए।
  16. हिमाचल में ऑनलाईन सामान मंगवाया जाता है, उसे बंद करना चाहिए। यदि ऑनलाईन बिजनेस शुरू रहता है तो उस पर 5 से 10 प्रतिशत कोरोना सैसे टैक्स लगाना चाहिए।
  17. लघु उद्योगों को मजबूत करने व नये उद्योग स्थापित करने हेतु सस्ती दरों (4प्रतिशत) पर ऋण उपलब्ध करवाना। खादी एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
  18. परम्परागत कारोबार में लगे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को छोटे-2 यूनिट लगाने हेतु ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें।
  19. हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए व भेड़-बकरी पालकों को ब्याज मुक्त ऋण देकर प्रोत्साहन देना व आत्मनिर्भर बनाना। साथ ही इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एनआईएफडी कांगड़ा व अन्य ऐसे संस्थानों के साथ मिलकर जो मांग बाजार में है उस सामान का लोगों को प्रशिक्षण देना चाहिए। महिलाओं को ऊनी कपड़ा बुनने का प्रशिक्षण देने से वे गर्म जैकेट कुर्ते बना सकती है।
  20. माननीय महोदय, हस्तकला, हस्तशिल्प की दृष्टि से प्रदेश में 3-4 स्थानों पर हस्तशिल्प कलाग्राम बनाए जा सकते हैं जिनमें 1-1 ग्राम में स्थाई रूप से 200-300 शिल्पियों को सुविधा मुहैया कराते हुए हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस कार्य से रोजगार सृजन की पर्याप्त संभावना है। जब यह कलाग्राम प्रसिद्धि प्राप्त करेंगे तो इससे बड़ी मात्रा में पर्यटन के क्षेत्र में भी लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। इस हस्तशिल्प कलाग्राम में हिमाचली शॉल, हिमाचली टोपी, हिमाचली पट्टू, हिमाचली चम्बा रूमाल, हिमाचली हस्तशिल्प कला, मंदिर कलाकृतियां, हिमाचली व्यंजन, हिमाचली चावल, हिमाचली प्राकृतिक उत्पाद, हिमाचली सब्जी, हिमाचली राजमाह, हिमाचली उड़द इत्यादि को हम पूरे भारत में प्रचारित और प्रसारित कर सकते हैं। इस प्रकार रोजगार सृजन एक महत्वपूर्ण विषय बनकर उभरेगा।
  21. प्रदेश में लिए जा रहे फैंसलों को प्रदेश स्तर पर लिया जाना चाहिए। पूरे प्रदेश में हर जिला में अलग-अलग कानून चलाए जा रहे हैं और जिलाधीशों की मर्जी से नियम बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए ताकि उद्योग, व्यापार, आवागमन बढ़े। वाहनों की आवाजाही पर प्रदेश के अंदर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।

सरकार को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए चंद सुझाव :-

  1. हिमाचल प्रदेश में खैरों का कटान काफी समय से रूका पड़ा है। अतः उसमें पूरे प्रदेश में तुरंत खैर कटान की अनुमति देनी चाहिए जिससे किसान और सरकार दोनों की आय बढ़ेगी।
  2. चील की पत्ती को इकट्ठा करके उपयोग करना चाहिए।
  3. तारपीन उद्योग को मदद करनी चाहिए। उसमें लाभ लिया जा सकता है। अभी नुकसान हो रहा है।
  4. रेत, बजरी, पत्थर व गटका आदि, इनको निकालने के लिए सभी स्थानों पर माईनिंग लीज़ बिना देरी के दी जानी चाहिए। इससे जहां भ्रष्टाचार घटेगा वहीं पुलिस प्रशासन की मेहनत भी घटेगी और यह प्रदेश सरकार के लिए एक आमदनी का साधन बनेगा। हिमाचल की नदियों से हर साल रेत, गटका, बजरी आदि हरियाणा, पंजाब व उŸाराखण्ड में प्रवेश कर जाती है और यह राज्य इसका सम्पूर्ण दोहन कर रहे हैं। नदी, नाले व खड्ड, इनके रेत-बजरी की बोली तो हो रही है परन्तु वर्षों से वन विभाग की अनुमति न आने से सरकार को कोई लाभ नहीं होता। रेता, बजरी तो उठ ही रहा है और वह निर्बाध गति से उठेगा ही। यदि सरकार हर स्थान पर वन विभाग की क्लीयरेन्स करके बोली कर दे तो बोली का दाम कई गुणा ज्यादा जाऐगा और भ्रष्टाचार भी रूकेगा।
  5. शराब पर एक्साईज डयूटी बढ़ाना। सरकार की आय बढ़ाने के लिए शराब की बोतल पर अधिक से अधिक एक्साईज की बढ़ोतरी करनी चाहिए। अपने पड़ोसी राज्यों से बात करके शराब के रेट बराबर बढ़ाने चाहिए ताकि स्मगलिंग को रोका जा सके। शराब की स्मगलिंग बॉर्डर के जिलों में बड़ी मात्रा में होती है। इसे सख्ती से रोकें तथा शराब स्मगलिंग को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखें।
  6. जंगलों में उपलब्ध पौधों पर आधारित वोलेटाईल ऑयल के छोटे-छोटे प्लांटस लगा कर प्रदेश की आमदनी को बढ़ाना व बेरोजगार को रोजगार देना।
  7. इन्वेस्टर मीट में जिन लोगों से एग्रीमैंट हुए, उन्हें अतिशीघ्र इम्पलीमैंट कराना। इससे रोजगार भी मिलेगा व प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी।
  8. हिमाचल प्रदेश के पंजाब पुर्नगठन अधिनियम के अंतर्गत बिजली की रॉयल्टी के हिस्से की लड़ाई लड़कर उसकी उगाही करना।
  9. केन्द्र सरकार लगातार प्रदेश के साथ खड़ी है, फिर भी प्रदेश को और अधिक सहायता मिले, इसके लिए भरपूर प्रयास करना होगा।
  10. हिमाचल प्रदेश के वनों में सूखे हुए पेड़ों की संख्या बहुत अधिक है। इन सभी पेड़ों का कटान कर कॉरपोरेशन के माध्यम से इनकी बिक्री करना जहां राष्ट्रीय सम्पति का संरक्षण होगा वहीं प्रदेश को माकूल आय भी मिलेगी।
  11. हिमाचल प्रदेश में पैदा होने वाली बिजली की बिक्री के सम्बन्ध में भी गंभीरता से विचार करना होगा। लगातार बिजली के दाम घट रहे हैं जिससे प्रदेश को भारी हानि हो रही है, इस दिशा में अच्छी मार्केटिंग की जानी चाहिए।
  12. आजकल पब्लिसिटी का जमाना है और हिमाचल प्रदेश की प्रोमिनेंट साईटस, जो राष्ट्रीय उच्च मार्ग के नियमों की परिधि के अंतर्गत आती है, उन स्थानों को चिन्हित करके उनकी सेल के लिए पॉलिसी बनाई जानी चाहिए। मेरा मानना है कि पूरे प्रदेश में अकेले फोरलेन और राष्ट्रीय उच्च मार्ग के पास 1000 साईटस चिन्हित की जा सकती है जो आमदनी का बड़ा ज़रिया हो सकता है।
  13. प्रदेश के कुछ स्थान ऐसे हैं जहां प्रशासनिक आदेश पारित करने से बहुत बड़ा जनहित हो जाएगा व प्रदेश सरकार को आमदनी भी होगी। उदाहरण है परवाणू। परवाणू हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना औद्योगिक नगर है। 2003 से पहले लगभग सभी उद्योग फेल हो चुके थे। 2003 में औद्योगिक पैकेज मिलने के बाद कुछ अच्छे उद्योग खड़े हुए। परन्तु परवाणू में व्यापार अधिक पनपा और हिमाचल प्रदेश का होलसेल का हब परवाणू बन गया। जिन लोगों ने उद्योग लगाने के लिए लीज़ पर भूमि हिमुडा से ली थी, उसके उपर अनेक प्रकार की शर्तें होने के बावजूद अपने आपको जिन्दा रखने के लिए लोगों ने एक फ्लोर किराये पर दे दिया व दूसरा उद्योग के लिए रख लिया या फिर स्वयं ही व्यापार शुरू कर दिया। सैंकड़ों मामलों में कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और शायद अगले 20-30 साल चलता रहेगा। आज म्दजतमचतमदमनतेपच का युग है। बदलते युग के साथ व्यापर को भी बदलना पड़ता है। पहले किरायेदार के लिए शर्त होती थी कि वह किस प्रकार का व्यापार करेगा लेकिन सर्वोच्च न्यायाल ने फैंसला देकर उसे भी समाप्त कर दिया। चण्डीगढ़ के औद्यागिक क्षेत्र में प्रशासन ने मॉल बनाने की व अन्य कार्यों की आज्ञा देकर अरबों रूपये कमाये और डूबते हुए औद्योगिक क्षेत्र को आबाद कर दिया। इसी प्रकार परवाणू के लिए भी किया जा सकता है। एक मामले में श्री वीरभद्र जी की सरकार ने कैबिनेट में फैंसला करके लीज़ रूल्स में छूट देते हुए अनुमति प्रदान की थी। यदि प्रदेश सरकार परवाणू के लोगों से नेगोसिएट करे व नियमों में संशोधन कर दे तो परवाणू भी आबाद हो जायेगा और करोड़ों-2 रू0 प्रदेश सरकार को आ जायेंगे।
  14. हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत होने वाले वाहनों के ऊपर टैक्स कम होने के कारण हमारा टैक्स रेवन्यू कम आ रहा है। इसका पूर्णरूपेण आंकलन करने की आवश्यकता है और आंकलन करने के बाद यदि ऐसी स्थिति निकले की हमें टैक्स बढ़ाकर लाभ मिलता है तो हमें इसे बढ़ाना चाहिए। भ्लचवजीमबंजपवद ब्ींतहमे को भी 600 रू0 से बढ़ाकर 5000 रू0 किया जा सकता है।
  15. सीमेंट के उद्योगों से किस प्रकार प्रदेश की आमदनी को बढ़ाया जा सकता है इस पर विचार करना चाहिए, जैसे उद्योगों के द्वारा दी त्वलंसपजलए त्वंक ज्ंगए ब्सपदबामतए च्वससनजपवद बमेमे जाने वाली आदि को बढ़ाया जा सकता है। सीमेंट के ढुलान से सर्वाधिक सड़कों का नुकसान होता है, उसकी भरपाई की व्यवस्था की जा सकती है।
    प्रदेश के खर्चे को घटाने के सम्बन्ध में चंद सुझाव :
  16. हिमाचल प्रदेश के चिकित्सालयों में दी जाने वाली औषधियों का क्रय प्रदेश के सरकारी विभाग कॉरपोरेशनों के माध्यम से करते हैं। हिमाचल प्रदेश में लगभग् सभी औषधियों का उत्पादन होता है। हिमाचल प्रदेश का ड्रग्ज़ मैन्युफैक्चरर प्रदेश सरकार को लागत मूल्य पर बहुत कम प्रोफिट लेकर औषधियां देने की मानसिकता रखता है। हमारे प्रशासनिक अधिकारी यदि इसकी कोई पॉलिसी बना लें तो प्रदेश को प्रतिवर्ष करोड़ों रू0 का लाभ हो सकता है।
  17. आयुर्वेदिक विभाग के पास तीन आयुर्वेदिक फार्मेसियां माजरा, जिला सिरमौर, जोगिन्द्रनगर, जिला मण्डी व पपरोला, जिला कांगड़ा में है। इन तीनों आयुर्वेदिक फार्मेसियों की क्षमता विकसित की जा सकती है और प्रदेश की आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दी जाने वाली औषधी का बड़ा हिस्सा इन फार्मेसियों में तैयार किया जा सकता है। इन फार्मेसियों में बनाई गई औषधियां गुणवत्ता में भी अच्छी हांगी और बाजार भाव से लागत भी कम होगी और इस प्रकार धन की बचत भी होगी।
  18. अगले एक वर्ष तक सरकारी क्षेत्रों में छोटी गाडि़यों की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए।
    कोरोना महामारी से परेशान लोग जो प्रदेश से बाहर रह गए हैं, उन्हें सुरक्षित हिमाचल में लाने के लिए कारगर नीति अपनाने की आवश्यक है।
     प्रत्येक राज्य से आने के इच्छुक लोगों की सूची बिना देरी के आपके अधिकारियों द्वारा बनाई जानी चाहिए।
     ग्रीन जोन के लिए अलग नीति बनाते हुए उन्हें लाना चाहिए।
     रैड जोन से आने वाले लोगों के लिए अलग से बैरियर पर उनकी चैकिंग करके प्रवेश देना व आवश्यकतानुसार होम या इंस्टीटयूशनल क्वारंटाईन करना होगा।
     सभी आने वाले लोगों को अलग-2 बैरियर से लाना चाहिए ताकि भीड़ न हो व उन्हें अलग-अलग तिथि का परमिट दिया जाना चाहिए।
     जो दूर-दराज में लोग हैं उनके लिए बसे लगाकर उन्हें लाना होगा। जैसा कि आप पूर्व में कर भी रहे हैं।
     प्रदेश के अंदर भी एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले लोगों की सम्पूर्ण व्यवस्था की जानी जरूरी है।
     सभी को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य हो।
    अन्य सुझाव :
     नेरचौक मैडिकल कॉलेज को कोविड होस्पिटल बनाया गया है जिसके पास अपनी कोविड टेस्ट करने की मशीन नहीं है जिला अस्पताल मण्डी से लाई गई है। गर्मियों में डेंगू भी फैलता है। यदि मण्डी में डेंगू का टेसट करना होगा तो मशीन नहीं है। इसलिए कोविड टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज नेरचौक में जल्दी ही सम्पूर्ण व्यवस्था की जाए।
     विकलांग व्यक्ति व विधवा मातृशक्ति उन्हें जो कि आईआरडीपी/बीपीएल की श्रेणी में शामिल नहीं है उन्हें डिपु के माध्यम से आईआरडीपी/बीपीएल की तर्ज पर खाद्य सामग्री मिले, इस वर्ग को राहत देनी चाहिए।
     आशा वर्कस व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को स्वास्थ्य सर्वे में लगाकर (जो लगी भी है) आगे भी काम में लगाकर रखना चाहिए।
     छोटे व्यवसायी लोगों को भी कोई न कोई फॉर्मूला निकालकर राहत पैकेज देना चाहिए।
    भाजपा का यह मत है कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां, विकासात्मक कार्य पूरी तरह शुरू किए जाने चाहिए जिससे नुकसान कम किया जा सके। कोरोना वारियर्स को सरकार की ओर से आर्थिक लाभ दिया जाना चाहिए। आने वाले समय के लिए हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों को पूरी तरह तैयारा करना होगा ताकि रोग के फैलने की सूरत में हम प्रदेश को बचा सके।
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