IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

लाॅकडाउन अवधि के दौरान हिमाचल के बागवानों को 17 लाख वर्ग मीटर एंटी हेलनेट करवाए उपलब्ध

एप्पल न्यूज़, शिमला
प्रदेश सरकार द्धारा कोरोना संकट के दौरान किसानों-बागवानों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष पग उठाए जा रहे हंै तथा कृषि व बागवानी को और सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रयास भी किए जा रहे हैं।

\"\"


प्रदेश में ओलावृष्टि भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक है, जिसके कारण किसानों-बागवानों की फसलों विशेषकर सेब, अन्य फलों और सब्जियों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है, इसके साथ गुणवत्ता भी प्रभावित होता है जिससे फसल उत्पाद के बागवानों को उचित दाम नहीं मिल पाते हैं। ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान को कम करने व नुकसान की भरपाई करने के उददेश्य से और प्रदेश के किसानों-बागवानों की मांग को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार द्धारा ओला अवरोधक जाली लगाने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।
लाॅकडाउन अवधि के दौरान बागवानों को ओलों से सेब की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राज्य सरकार ने लगभग 28 लाख वर्ग मीटर सेब क्षेत्रों के लिए एंटी हेलनेट का प्रबंध किया गया है। एंटी हेलनेट प्रदेश के बागवानों को उनकी मांग व आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इस अवधि के दौरान अब तक लगभग 17 लाख वर्ग मीटर सेब क्षेत्र के लिए प्रदेश के बागवानों को एंटी हेलनेट उपलब्ध करवाए गए। प्रदेश के सेब बागवानों को प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में एंटी हेलनेट उपलब्ध है। एंटी हेलनेट की आवश्यकता होने पर बागवान अपने-अपने जिलों के बागवानी विभाग के कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।
प्रदेश के किसानों व बागवानों को विक्रय केन्द्रों के माध्यम से कीटनाशक दवाईयों की आपूर्ति नियमित आधार पर की जाती थी, लेकिन कोविड-19 संकट के दौरान किसानों व बागवानों को 170 मीट्रिक टन कीटनाशक दवाईयां व अन्य पौध संरक्षण सामग्री उनके घर के नजदीक अथवा गांव आधार पर उपलब्ध करवाई गई।
प्रदेश में स्ट्राॅबेरी के भारी मात्रा में होने वाले उत्पादन को ध्यान में रखते हुए बागवानों को कोविड-19 के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए विभाग द्धारा किसानों से प्रसंस्करण के लिए स्ट्राॅबेरी की खरीद की गई। इस अवधि के दौरान चेरी की पैकिंग के लिए प्रदेश सरकार ने बागवानों को समय पर चेरी पैकिंग बाॅक्स उपलब्ध करवाए और इसे बाजार में बेचने के लिए किसानों को सुविधा प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त विषय विशेषज्ञों द्वारा बगीचों, पौधशाालाओं, पौध संरक्षण, पुष्पपोत्पादन और विपणन के लिए भी किसानों-बागवानों को सहायता प्रदान की जा रही है। बागवानों को उनकी मांग व आवश्यकतानुसार लाॅकडाउन के दौरान कफ्र्यू पास भी जारी किए गए, ताकि उन्हें कृषि व बागवानी से संबंधित जरूरी कार्यों को निपटाने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
लाॅकडाउन अवधि के दौरान प्रदेश में सेब व अन्य फलों के उत्पादन में बढ़ौतरी के उददेश्य से प्रदेश के बागवानों को उनके बगीचों में अच्छी फसल की पैदावार को ध्यान में रखते हुए परागण के लिए उद्यान विभाग के माध्यम से किसानों व बागवानों को 46,265 मधुमक्खियों के बक्से उपलब्ध करवाए गए। जिला शिमला के किसान व बागवानों को 35,985 बस्से, जिला मण्डी को 3,665 बक्से, जिला सिरमौर को 2,215 बक्से, जिला कुल्लू के लिए 2000 और जिला किन्नौर के लिए 2400 मधुमक्खियों के बक्से परागण के लिए उपलब्ध करवाए गए हैें।

Share from A4appleNews:

Next Post

सुरेश भारद्वाज बने Star 2020-सकारात्मक एवं नव आशा भाव सृजन के लिए वर्ल्ड बुक रिकाॅर्ड्स लंदन यूके द्वारा पुरस्कृत

Tue May 26 , 2020
एप्पल न्यूज़, शिमलाशिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज को कोरोना महामारी के दौर में सकारात्मक एवं नव आशा भाव सृजन के लिए वर्ल्ड बुक रिकाॅर्ड्स लंदन यूके द्वारा पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार की इसी कड़ी में महान क्रिकेट खिलाड़ी भारत रतन सचिन तेन्दुलकर, भारतीय सिनेमा के प्रख्यात अभिनेता […]

You May Like

Breaking News