एप्पल न्यूज़, किन्नौर
किन्नौर जिले के निचार उप-मण्डल के कटगांव में कृषि विभाग के कृषि प्रोद्यौगीकी प्रबन्ध अधिकरण द्वारा आत्मा परियोजना के तहत 2 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता करते हुए उप-परियोजना निदेशक डाॅ. बलबीर ठाकुर ने किसानों सेे सुभाष पालेकर खेती तकनीक को अपनाने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों से रासायनिक खेती की जगह प्राकृतिक खेती की पद्धति को अपनाने को कहा। उन्होने कहा कि प्राकृतिक खेती कृषि की ऐसी पद्धति है जिसमें किसानों को एक भी पैसे का उत्पाद बाजार से नहीं खरीदना पड़ता है। इसके लिए केवल एक देशी गाय की आवश्यकता होती है। केवल एक गाय के गोबर व गौ-मूत्र से 30 एकड़ क्षेत्र में खेती की जा सकती है।
उन्होंने इस अवसर पर प्रशिक्ष्ण शिविर में शामिल किसानों को प्राकृतिक खेती में उपयोग में लाए जाने वाले घटकों, जीवामृत, बीजामृत, ब्रह्मास्त्र, घन-जीवामृत बनाने की विधि भी बताई।
उन्होंने बताया कि जिले में भारी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती करने के इच्छुक हैं, ताकि लोगों को जहर मुक्त खाद्यान उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती से तैयार खाद्यानों का उपयोग करने से मानव के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जबकि प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पाद स्वास्थ्य वर्धक होते हैं। उन्होंने जिले के किसानों से विशेषकर जो प्राकृतिक खेती को अपना रहें हैं और संसाधन भण्डार धारकों से आग्रह किया कि वे सर्दी के मौसम के मद्ेदनजर अग्रिम तौर पर घन-जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, दशपर्णिस्त्र, अग्नैयस्त्र तैयार कर लें ताकि इसका सही समय पर उपयोग किया जा सके।
इस अवसर पर डाॅ. सौरभ कालिया ने किसानों के सामने घटक बनाने की तकनीक सिखाई। डाॅ. मुनीष नेगी ने किसानों को प्राकृतिक खेती व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए आरंभ की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में 30 किसानों ने भाग लिया।