एप्पल न्यूज़, शिमला
महिला एवं बाल विकास से सम्बद्ध कार्यक्रमों को केन्द्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाआंे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा सक्रिय रूप से कार्य किया जा रहा है। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जिला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि अधिकारी एवं कर्मचारी विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के विस्तार व प्रचार-प्रसार के लिए गंभीरता से प्रयास करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को इन कार्यक्रमों का लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि पोषाहार कार्यक्रम के तहत छः माह से छः वर्ष की आयु तक के कुल 42070 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। इसके अतिरिक्त गर्भवती व धात्री 8959 महिलाओं को पोषाहार प्रदान किया गया। कोविड के दौरान प्रवासी छः माह से छः वर्ष के पात्र 1669 बच्चों, 362 माताओं एवं 23 किशोरियों को लाभान्वित किया गया है।
शालापूर्व शिक्षा कार्यक्रम के तहत कुल 12023 बालक एवं बालिकाओं को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान की गई, जिसमें से 437 बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय से है। पोषण स्तर कार्यक्रम के तहत कुल 36178 बच्चों का वजन लिया गया, जिनमें से 35181 सामान्य, 921 कुपोषित और 76 अति कुपोषित पाए गए। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि सहायिकाओं अथवा कार्यकर्ताओं के निजी घरों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को सरकारी भवनों में स्थानातंरित करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत जिला के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी भवनों के संबंध में अधिकारी कार्यवाही कर इन कार्यों की पूर्ति सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि इस संबंध मंे किसी प्रकार की दिक्कत आने पर जिला प्रशासन व संबंधित अधिकारी को सूचित करें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय की सुविधा की उपलब्धता शत-प्रतिशत करने के प्रयास करें, जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में यह सुविधा नहीं है उसके संबंध में सूचित कर अधिकारी प्रस्ताव उच्च अधिकारी को प्रेषित करें ताकि शौचालय उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने बताया कि जिला में महिलाओं की आर्थिकी को सुदृढ़ करने तथा महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से जिला की 2154 आंगनबाड़ियों में 1679 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है, जिसके तहत 5 करोड़ 33 लाख 11 हजार से अधिक की राशि की बचत की गई है। उन्होंने बताया कि इसके तहत 345 स्वयं सहायता समूह को बैंको से जोड़ कर विभिन्न आय सृजित गतिविधियों के लिए 30 लाख 87 हजार रुपये के ऋण उपलब्ध करवाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मदर टेरेसा असहाय मातृ सबल योजना में 918 महिलाओं एवं 1368 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या दान योजना के तहत 28 पात्र कन्याओं को 51 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है, जिसके तहत 17 लाख 12 हजार रुपये की राशि व्यय की गई है। विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत 5 पात्र दम्पत्तियों को 2 लाख 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि स्वरोजगार योजना के तहत 15 महिलाओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है, जिस पर 75 हजार रुपये खर्च किए गए हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जिला कार्य बल बैठक के तहत उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए प्रथम चरण में 25 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है, जिसे एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से इस योजना के तहत व्यय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कन्या जन्म वाले घर में उस कन्या के नाम की पटिका अंकित की जाएगी तथा जिला प्रशासन की ओर से उनको बधाई पत्र भी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा अपने क्षेत्र में अर्जित उपलब्धि को दर्शाते हुए होर्डिंगों की स्थापना भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता प्रदान करती लघु फिल्म का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 10वीं एवं 12वीं कक्षा की वे छात्राएं जिन्हांेने अपनी कक्षाओं में श्रेष्ठतम स्थान प्राप्त किया है, को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत विगत तीन वर्षों के दौरान जिला में 15 हजार 552 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को 3 चरणों मंे 6 करोड़ 74 लाख 52 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। सशक्त महिला योजना के अंतर्गत तैयार की गई कार्य योजना के अनुरूप अधिकारी व कर्मचारी कार्य करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। ग्रामीण स्तर पर महिला सशक्तिकरण के लिए यह योजना अति महत्वपूर्ण है। इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को पोषण अभियान कार्यक्रम की सफलता के लिए समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए ताकि पोषण अभियान को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत बच्चों एवं माताओं के स्वास्थ्य की समय-समय पर निगरानी एवं समीक्षा की जानी अति आवश्यक है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चैहान ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न परियोजनाओं में की गई प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि उपायुक्त द्वारा सुझाए गए सभी सुझावों को क्रियान्वित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन, उपमण्डलाधिकारी कुमारसैन गुरजीत सिंह चिमा, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण संजय भगवती, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एचआर ठाकुर, उप-पुलिस अधीक्षक शहरी मंगत राम ठाकुर, जिला कल्याण अधिकारी हाकम सिंह ठाकुर, खाद्य एवं आपूर्ति, शिक्षा, कृषि, बागवानी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला के विभिन्न परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।
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