SJVN Corporate ad_E2_16x25
SJVN Corporate ad_H1_16x25
previous arrow
next arrow
IMG-20240928-WA0004
IMG_20241031_075910
previous arrow
next arrow

बागवानी मंत्री ने 15 दिनों में मांगी फसलों व फलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट

IMG-20240928-WA0003
SJVN Corporate ad_H1_16x25
SJVN Corporate ad_E2_16x25
Display advertisement
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज़, शिमला
बेमौसमी बर्फबारी, ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण फसलों और फलों को हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने यहां बागवानी अधिकारियों, फसल बीमा कंपनियों और फल उत्पादक संघ की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सेब व अन्य फसलांे को पहुचे नुकसान के आंकलन के निर्देश दिए।


उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिमला सहित किन्नौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, लाहौल-स्पीती तथा सिरमौर जिलों के उद्यान उप-निदेशकों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया जाए। इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, राजस्व विभाग के अधिकारियों, बागवानों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए। बागवानी मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार को नुकसान के आंकलन की वीडियोग्राफी सहित विस्तृत रिर्पोट 15 दिनों के भीतर भेजी जाए।
बागवानी मंत्री ने निर्देश दिए कि संबंधित क्षेत्रों के उपमण्डलाधिकारी इस कार्य की दैनिक समीक्षा रिपोर्ट भी बागवानी मंत्री के कार्यलय में भेजे। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग ने प्रदेश के बागवानों को पौध संरक्षण दवाइयों के अनुदान को सीधे किसानों व बागवानों के बैंक खातों मे वितरित करने का निर्णय लिया है ताकि दवाइयों के वितरण मे दक्षता, प्रभावशीलता व जबावदेही लाई जा सके तथा प्रदेश के अधिक से अधिक लघु एवं सीमांन्त बागवानों को लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मे विभाग के लगभग 355 पौध संरक्षण केन्द्रों में विभागीय अधिकारी दवाइयों की वितरण प्रक्रिया में शामिल हैं। प्रत्यक्ष लाभा हस्तांतरण (डीबीटी) लागू होने से इन अधिकारियों की सेवा आधुनिक बागवानी तकनीक एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ली जा सकेगी। डीबीटी लागू होने से समय अवधि समाप्त होने पर खराब होने वाली दवाइयों पर सरकार का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों रूपये का नुकसान होता था, जिससे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान-बागवान विश्वविद्यालय एवं विभाग द्वारा सुझाई गई पौध संरक्षण दवाइयां बाजार से खरीद सकेंगे। विभाग द्वारा विभागीय छिड़काव सारणी मे दर्शाई गई सभी दवाइयों के दाम तय किये जाएंगे ताकि बागवानों को प्रदेश के हर हिस्से मे एक समान दाम पर दवाइयां मिल सके।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि दवाइयों की गुणवता सुनिश्चित करने के लिए कीटनाशक अधिनियम 1968 के अनुसार, विभागीय अधिकारियों द्वारा नमूने कृषि विभाग की शिमला के बालूगंज स्थिति प्रयोगशाला  मे जाॅंच के लिए भेजे जाते हैं और इनके फेल होने पर अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाती है। ओला अवरोधक जालियों को लगाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 कृषि उत्पाद संरक्षण (एन्टी हेलनेट) योजना कुशी (केयूएसएचवाई) चलाई जा रही है, जिसमें स्टील की स्थाई संरचना के निर्माण पर बागवानों को 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष कुशी योजना के अन्तर्गत 20 करोड धनराशि का प्रावधान किया गया है।
बागवनी विभाग के निदेशक डाॅ. जे.पी. शर्मा, अतिरिक्त निदेशक उद्यान डाॅ. डी.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक, हिमाचल फल उत्पाक संघ के अध्यक्ष हरीश चैहान सहित अन्य बागवनी अधिकारी तथा फसल बीमा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

Share from A4appleNews:

Next Post

पुरानी पेंशन बहाल कर शिक्षकों में असुरक्षा की भावना हटाए सरकार, 10 वीं की परीक्षा रद्द कर ऑनलाइन पढ़ाई करवाएं शुरू- शिक्षक महासंघ

Tue Apr 27 , 2021
एप्पल न्यूज़, शिमला पुरानी पेंशन बहाली की मांग पिछले कुछ समय से लगातार जोर पकड़ रही है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई है। संघ ने 10 वीं की परीक्षा रद्द कर प्रथम व द्वितीय टर्म में हुए एग्जाम के आधार पर […]

You May Like

Breaking News