एप्पल न्यूज़, शिमला
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने एनपीएस कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर एक अनोखी पहल की है। इस आशय की जानकारी देते हुए कांगड़ा जिला प्रधान राजिन्दर मन्हास ने बताया कि कर्मचारी महासंघ पिछले लंबे समय से प्रदेश सरकार से केंद्र की 2009 की अधिसूचना को हिमाचल में लागू करने की मांग करता आया है जिसके तहत सेवा के दौरान एनपीएस कर्मचारी की मौत पर परिवार को पेंशन का प्रावधान है। जब सरकार ने पिछले तीन साल से इस मांग को नजरअंदाज किया तो इससे मायूस होकर महासंघ ने कोरोना के खतरे को देखते हुए अपने एक लाख कर्मचारियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाया है।
इसके तहत अगस्त माह में संगठन ने 5000 कर्मचारियों को एल आई सी के माध्यम से 5 लाख का ग्रुप इन्सुरेंस दिलवाया जो सामान्य मृत्य पर भी कबरेज प्रदान करता है जिला प्रधान ने बताया कि इस योजना के तहत अभी तक 10 परिवारों को 5 -5 लाख की राशि इसी योजना के तहत मिल चुकी है।
जिला प्रधान ने बताया कि इन 10 कर्मचारियों में 4 की मौत कोरोना की बजह से हुई थी कांगड़ा जिला प्रधान राजिन्दर मन्हास ने बताया कि महासंघ के राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और समस्त राज्य कार्यकारणी ने अब यह मन बना लिया है कि हिमाचल के एक लाख कर्मचारियों को इस ग्रुप इन्सुरेंस प्लान से जोड़ा जाएगा।
इसके लिए हिमाचल के 12 जिलों में इसकी शुरुआत हो चुकी है जिसे लेकर पिछले कल मंडी में जिला प्रधान लेखराज , चम्बा में सुनील जरयाल, सिरमौर में जिला प्रधान सुरिंदर पुंडीर और कांगड़ा में राजिन्दर मन्हास की अगुवाई में ओपन गूगल मीट हुई जिसमें बहुत जबरदस्त रिस्पांस कर्मचारियों का आया।
इन बैठकों में राज्य अध्यक्ष के साथ राज्य महासचिब भरत शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरभ वैद्य, राज्य मीडिया प्रभारी पंकज शर्मा के साथ बिलासपुर जिला प्रधान राजिन्दर वर्मन , सोलन जिला प्रधान अशोक ठाकुर भी उपस्थित रहे , अन्य जिलों में भी ऐसी बैठके रखी जा रही हैं।
संगठन राज्य महासचिब भरत शर्मा ने कहा कि सरकार की इस अनदेखी से हिमाचल के एक लाख कर्मचारी बहुत मायूस हैं कई कर्मचारियों का कोरोना काल में देहान्त हुआ और उन कर्मचारियों के परिवारों को भी कर्मचारी का जमा एनपीएस का पैसा भी अब 20% नगद दिया जा रहा है और 80% उसी के पैसे की नाम मात्र पेंशन दी जा रही है जबकि केंद्र अपने कर्मचारियों की मौत पर परिवार को फैमिली पेंशन दे रहा है तो हिमाचल में यह अलग कानून क्यूँ फॉलो किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि तत्काल आगामी बैठक में 2009 की अधिसूचना को लागू किया जाए नही तो आगामी विधानसभा चुनाव में जैसे संगठन ने ग्रुप इन्सुरेंस का विकल्प खोजा कहीं कर्मचारी और विकल्प ना खोज लें।