एप्पल न्यूज़, शिमला ग्रामीण
जिला शिमला की ग्राम पंचायत चनावग में तेंदुए और बाघ के आतंक से लोग सहमें हुए हैं जिस कारण न तो शाम ढलते कहीं आ जा पा रहे हैं और न ही पशुओं को जंगल चराने ले जा रहे हैं।
पिछली रात तेंदुए ने खुनारा गांव निवासी पंडित कृष्ण लाल की गौशाला की दीवार में बहुत बड़ा छेद ही नहीं किया बल्कि छत भी उखाड़ दिया। भीतर बैलों की जोड़ी बंधी थी जिनका बचना देव चमत्कार ही माना जा रहा है।
इसी हफ्ते एक अन्य घटना चनावग धार गांव में घटी। जीतराम किसान की पत्नी सुमना देवी सुबह घर के पास पशु चुगा रही थी कि अचानक बाघ ने उनकी दुधारू जर्सी गाय पर आक्रमण कर दिया और गाय की पीठ पर चढ़ कर उसकी गर्दन दबोच ली।
सुमना ने हिम्मत दिखाकर बाघ के सिर पर दोनों हाथों से दराती का वार कर दिया जिससे उसकी चोंच बाघ के सिर में घुस गई और वह गाय छोड़ कर भाग गया। सुमना देवी के इस साहस की पंचायत के अतिरिक्त दूर दूर तक चर्चा है।
पिछली रात वन विभाग से सेवानिवृत प्रकाश चंद शर्मा पांच बजे के बाद अपने घर जा रहे थे परंतु उनके रास्ते के नाले में बाघ ने डेरा जमा रखा था जिससे उन्हें किसी रिश्तेदार के घर रहना पड़ा। स्कूलों के लिए बच्चे भी जाने से घबरा रहे हैं और न औरतें पशुओं को घास पत्ती लेने जंगल जा पा रही है।
स्मरण करवा दें कि कुछ महीने पहले चनावग पलावल गांव के मेहरचंद की दो गए बाघ ने गौशाला का दरवाजा उखाड़ कर मार दी थी। धार हरशंग गांव के एक किसान की गाय पर भी दिन दोपहर बाघ ने हमला किया था।
हालांकि ग्राम पंचायत चनावग की प्रधान कृष्णा शर्मा, उप प्रधान जगदीश गौतम और ग्रामीण विकास सभा ने वन विभाग से तेंदुए और बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे की मांग की थी और वन विभाग ने पिंजरा कई दिन पहले लगा दिया था परंतु बाघ, तेंदुआ उसकी गिरफत में नहीं आ रहा है। वह पिंजरे के बाहर घूम कर चला जाता है।
इसलिए उन्होंने वन विभाग से मांग की है कि जान मॉल की रक्षा के लिए वन विभाग अपनी एक्सपर्ट टीम भेजने की कृपा करें ताकि बाघ और तेंदुओं को पकड़ा जाए।
ग्रामीण विकास सभा चनावग के मुख्य सलाहकार एस आर हरनोट ने कहा कि ग्राम पंचायत और ग्रामीण विकास सभा ने वन मंत्री और मुख्य मंत्री को भी इस बाबत पत्र लिखा है।