एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
केंद्र व हिमाचल सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन के अध्यक्ष
एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल ने झाकड़ी स्थित दो करोड़ 71 लखि की लागत से नव निर्मित चंबू देवता मंदिर का लोकार्पण किया। एसजेवीएन ने भी देश की सब से बढ़ी भूमिगत जल विद्युत परियोजना के पावर हॉउस क्षेत्र में बन रहे इस मंदिर के निर्माण में दो करोड़ 44 लाख रूपये अपने सीएसआर फंड से दिए है।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल ने आज चंभु
देवता की कमेटी को एक समारोह में मंदिर लोकार्पण के बाद ,मंदिर कमेटी को परिसर की चाबी सौप कर इस सांस्कृतिक एवं आस्था के केंद्र को संजोये रखने की अपील की।
उन्होंने बताया सतलुज नदी की कृपा से आज उन की निगम ने देश विदेश में पहचान बनाई है। यह सब यहाँ के देवी देवताओ और
अधिकारियो कर्मचारियों एवं लोगो की भागीदारी से सुनिश्चित हुआ है।
उन्होंने कहा निगम का उद्देश्य जल विद्युत परियोजनाो के निर्माण के
साथ-साथ स्थानीय संस्कृति व यहां के आस्था स्थल मंदिरो को संजोये रखना है। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों एवं अन्य लोगो को जलविद्युत परियोजनाओं को देखने के साथ यहाँ की समृद्ध संस्कृति को भी नजदीक से जानने का मौका मिले।
एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष नंदलाल शर्मा ने बताया 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी परियोजना से निगम ने यात्रा आरंभ की और आज देश-विदेश में कई जलविद्युत परियोजना से ले कर सोलर ,थर्मल , विंड परियोजनाओं के निर्माण में भागीदारी निभा निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि नाथपा झाकडी परियोजना पर हमेशा चंभु देवता का की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसीलिए सतलुज बेसिन पर बनी निगम की परियोजनाएं से विद्युत उत्पादन में नित नए रिकॉर्ड कायम हो रहे है।
उन्होंने इस दौरान लोगों से कहा हम जिस तरह देवी-देवताओं के प्रति आस्था और श्रद्धा के व् लगन के साथ समर्पण की भावना रखते हैं. उसी तरह हमें अपने कार्य व उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए भी निस्वार्थ व श्रद्धा के साथ आगे बढ़ना चाहिए। तभी हम देश प्रदेश की उन्नति में भागीदार बन सकते हैं।
इस दौरान सेजेवीएन के सतलुज बेसिन की तीनो परियोजनाओं के प्रमुख समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने
बताया की चंभु देवता के मंदिर निर्माण हुआ है जिसे हम शनीय लोगो की कमेटी को सौप रहे है। इस का निर्माण ने सीएसआर फाउंडेशन से किया है।
उन की परियोजना का क्षेत्र है और क्षेत्र के प्रमुख देवता भी है , जिन की कृपा हमेशा निगम पर बनी है। उन्होंने कहा प्रयास है की जहाँ जहाँ आस्था के केंद्र है उन जीर्णोद्वार का कार्य हो।