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हिमाचल में 977 दुग्ध समितियों में हैं 42.5 हजार सदस्य, राज्य दुग्ध प्रसंघ का 26वां वार्षिक सम्मेलन कुल्लू में में बोले निहाल चंद

श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये दुग्ध समितियों को वितरित किए पुरस्कार
एप्पल न्यूज़, कुल्लू

हि.प्र. दुग्ध प्रसंघ के अध्यक्ष निहाल चंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कुल 977 दुग्ध समितियां कार्यरत हैं जिनमें 42 हजार 500 से अधिक सदस्य हैं। दुग्ध समितियों को मजबूत करने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं।

वह कुल्लू के देवसदन में हि.प्र. राज्य गुग्ध प्रसंघ के 26वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न भागों से समितियों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
निहाल चंद ने कहा कि दुग्ध प्रसंघ द्वारा 2018-19 के दौरान 256 लाख लीटर दूध सहकारी सभाओं के माध्यम से खरीदा गया तथा 142 लाख लीटर दूध की बिक्री की गई।

वर्ष 2019-20 के दौरान 289 लाख लीटर दूध खरीद कर 189 लाख लीटर की बिक्री की गई। दो सालों के दौरान प्रसंघ ने 42 हजार क्विंटल पशु आहार दुग्ध उत्पादकों को उपलब्ध करवाया।

वर्ष 2020-21 के दौरान 346 लाख लीटर दूध सहकारी सभाओं के माध्यम से खरीदकर 173 लाख लीटर विक्रय किया गया। उन्होंने कहा कि 2021-22 के दौरान राज्य में डेयरी गतिविधियों में सुधार करने के लिये दुग्ध प्रसंघ दत्तनगर में 50 हजार एलपीडी क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है जिससे दूध प्रसंस्करण की क्षमतमा 70 हजार एलपीडी बढ़ जाएगी तथा शिमला, कुल्लू, मण्डी व बिलासपुर जिलों की डेयरी सहकारी समितियों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रसंघ मौजूदा बुनियादी ढांच में अंतराल को पूरा करने के लिये 225 लाख रुपये की एक राज्य परियोजना को लागू  कर रहा है। इसके तहत 123 लाख रुपये की लागत से प्रयोगशाला उपकरणों को अपडेट किया गया है।

बीते साल प्रसंघ ने प्रदेश में छैना खीर और आंगनवाड़ियों में गेहू सेवियां आरंीा की थी। कोविड-19 महामारी के दौरान इम्यूनिटी बूस्टिंग ‘हिम हल्दी’ दूध लान्च किया था। अनेक स्थानों में मिल्कबार खोले गये हैं। बीते तीन सालों में दुग्ध उत्पादकों को 225 करोड़ रुपये का वार्षिक भुगतान किया।

इसके अलावा प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत 350 स्वःचालित दुग्ध संचय इकाईयां तथा 106 बल्क मिल्क कूलर लगाए जा चुके है। दूध की खरीद की गुणवता में सुधार के लिये सभी डेयरी सहकारी समितियों को प्लांट स्तर पर फैट के साथ मिलावट के परीक्षण के लिये 11 मिल्को स्क्रीन प्रदान किये गए हैं।
निहाल चंद ने पिछले चार सालों के दासैरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली दुग्ध उत्पाक सहकारी समितियों को पुरस्कार भी वितरित किये। राज्य स्तर पर 10 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार कुल्लू जिला की दि झल्ली दुग्ध उत्पाक सहकारी समिति को प्रदान किया गया।

दूसरा पुरस्कार मण्डली जिला की दि कुन्नू दुग्ध समिति को 7500 रुपये जबकि तीसरा पुरस्कार दि शमशी महादेव दुग्ध उत्पादक समिति कराना जिला कुल्लू को प्रदान किया गया।

जिला स्तर का प्रथम पुरस्कार सिरमौर जिला की दि टोण्डा दुग्ध सोसायटी को प्रदान किया गया। इस प्रकार विभिन्न दुग्ध सोसायटियांे को कुल 4.54 लाख रुपये के प्रोत्साहन पुरस्कार वितरित किये गये।
     दुग्ध प्रसंघ के प्रबंध निदेशक भुपेन्द्र सिंह अत्री ने कहा कि 200 महिला सहकारी समितियां मिल्कफैड के साथ जुड़ी हैं। कुल्लू में अधिवेशन करवाने का फैसला बोर्ड के सदस्यों का था।

उन्होंने कहा कि दत्तनगर तथा मण्डी में दो-दो शिविरों का आयोजन किया गया जिनमें दुग्ध व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिये बारे में व्यापक जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि मण्डी तथा दत्तनगर इकाईयों से 35-35 महिलाओं को जालंधर का दौरा करवाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रसंघ 5 प्रतिशत कमीशन सोसाइटियों को प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि दूध की गुणवत्ता बनाये रखने में किसानों का योगदान हैं। पिछले तीन सालों में 35 प्रतिशत अधिक दूध की खरीद प्रसंघ द्वारा की गई।

उन्होंने कहा कि फीड मेटिरियल मंहगा हुआ है इसके बावजूद मिल्कफैड 2300 क्ंिवटल फीड समितियों उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रसंघ की प्राथमिकता है कि किसानों का दूध बिकना चाहिए और अच्छे दाम मिलने चाहिए। इसके लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
अधिवेशन में हि.प्र. मिल्क फैडरेशन बोर्ड आफ डायरेक्टर्ज के निदेशक व दुग्ध सोसायटियों के सदस्य उपस्थित थे।

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